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कलैक्ट्रेट सभागार देहरादून मैं बैठक लेती राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती विजय लक्ष्मी गुसाईं

उत्तराखंड

देहराूदन: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जाधारी) श्रीमती विजय लक्ष्मी गुसाईं ने बाल अधिकार तथा उनके संरक्षण के सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों से पोक्सो अधिनियम की जानकारी साझा करने तथा बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण, बाल मजदूरी, शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना, बाल तस्करी तथा अनैतिक कृत्य इत्यादि की रोकथाम हेतु विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये।उन्होने कहा कि शोषित बालक/बालिकाओं को विश्वास में लेते हुए उनकी बातों को सुना जाय, उनकी समस्याओं को जाना जाय तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार उनकी सुनवाई एवं स्वास्थ्य परीक्षण के दोरान अभिभावकों/विश्वसनीय एन.जी.ओ की उपस्थिति तथा जहां तक संभव हो महिला द्वारा कांउसिलिंग कराई जाय। उन्होने बाल विकास विभाग को सही आंकड़ों पर ध्यान देने, शिक्षा विभाग को बाल कांउसिलिंग तथा बालक तथा बालिकाओं हेतु अलग-2
शौचालय की व्यवस्था तथा पुलिस विभाग को केवल लक्ष्य प्राप्ति पर फोकस न करके वस्तुस्थिति के अनुसार कम-से-कम समय में मामलों का निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि मीडिया इस सम्बन्ध में जानकारी साझा करने तथा बाल उत्पीड़न से सम्बन्धित मामले उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
बैठक में ’समाधान’ चेयरपर्सन/ एडवोकेट श्रीमती रेनू डी सिंह ने कहा कि विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय के अभाव के कारण बाल संरक्षण के मामलों का त्वरित व पारदर्शी तरीके से समाधान नही हो पाता। उन्होने उपस्थित सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थो को भी बाल संरक्षण के बारे में जानकारी साझा करने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि बाल अधिकार का जहां भी अतिक्रमण/उल्लंघन संज्ञान में आता है तो उस सम्बन्ध में पुलिस, महिला आयोग, बाल संरक्षण आयोग तथा सम्बन्धित विभाग को जानकारी साझा करनी चाहिए तथा सभी के सहयोग से हम आने वाले भविष्य के कर्णधारों को सुरक्षित रख सकते है।

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