नई दिल्ली. इंडियन एयरफोर्स(IAF) ने भविष्य में VIPs के हेलिकॉप्टर संचालन को सुरक्षित बनाने के मकसद से सरकार से कुछ सिफारिशें की हैं। IAF ने आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Defence Minister Rajnath Singh) को CDS जनरल बिपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश मामले की रिपोर्ट सौंप दी।
इस त्रिस्तरीय जांच रिपोर्ट में भविष्य में VIPs के हेलिकॉप्टर संचालन के लिए कुछ सिफारिशें भी की हैं। IAF चीफ एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने रक्षामंत्री को यह रिपोर्ट सौंपी।
8 दिसंबर को तमिलनाडु में हुआ था हेलिकॉप्टर क्रैश
बता दें कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर (एमआई-17वी-5) 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर जंगल में क्रैश हो गया था। हादसे में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोगों की मौत हो गई थी। हेलिकॉप्टर में CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, एनके जितेंद्र कुमार, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, जेडब्ल्यूओ दास, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, एल/नायक विवेक कुमार, एल/नायक बी साई तेजा, ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह और हवलदार सतपाल शामिल थे। हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं। हालांकि बाद में उनका भी निधन हो गया था।
मौसम की खराबी माना गया हादसे की वजह
इस हादसे की जांच त्रिस्तरीय जांच समिति कर रही थी। माना गया कि इस हादसे के पीछे मौसम की खराबी रहा। हालांकि अभी इस रिपोर्ट पर सरकार का बयान आना बाकी है। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में यह जांच की गई। इसमें जिम्मेदार संभावित मानवीय गलतियों सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया था। सूत्रों के अनुसार दुर्घटना की वजह घने जंगल, पहाड़ी इलाका और लो-विजिबिलिटी माना जा रहा है। लो-विजिबिलिटी के चलते हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। वहीं, लैंडिंग पॉइंट से वो कुछ ही दूरी पर था, इस कारण से भी वो निचाई पर उड़ रहा था। इस वजह से क्रैश लैंडिंग हुई। चूंकि हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी थे, इसलिए मानवीय गलती की आशंका नहीं थी। हेलिकॉप्टर में दो इंजन थे। इसलिए इंजन फेल होने की वजह से भी हादसा नहीं हो सकता था।