नई दिल्ली: केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन के निलंबन पर रोक लगा दिया है। बता दें कि मोहम्मद मोहसिन वही अधिकारी हैं जिन्होंने ओडिशा में बीजेपी की चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी के काफिले की चेकिंग करने की कोशिश की थी। इस मामले की अगली सुनवाई अब जून को होगी। पीएम के काफिले की चेकिंग किए जाने को लेकर चुनाव आयोग ने एसपीजी सुरक्षा नियमों का हवाला देते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
मोहम्मद मोहसिन के निलंबन को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल भी खड़े किए थे। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया था कि मोहसिन को मुसलमान होने की सजा मिली है। लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने साफ किया है कि उन्होंने एसपीजी सुरक्षा नियमों के खिलाफ जाकर पीएम के काफिले की चेकिंग की है इसलिए उनको निलंबित किया जाता है। हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक अधिकारी को ओडिशा भेजा भी था। हालांकि बाद में ये भी खबर आई की चुनाव आयोग ने मोहसिन का तबादला करते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन कार्यालय में कर दिया है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के संबलपुर में एक चुनावी दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान कर्नाटक बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन संबलपुर में जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर तैनात थे। बताया जा रहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की तलाशी लेने की कोशिश की थी। इस बात को लेकर पीएमओ ने चुनाव आयोग से शिकायत की, जिसके बाद चुनाव आयोग की टीम घटनाक्रम का जायजा लेने के लिए ओडिशा भी गई थी। इस दौरान यहां चुनाव आयोग को एसपीजी सुरक्षा के बावजूद तलाशी लेने की जानकारी मिली। फिर चुनाव आयोग ने आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया। source: oneindia.com