देहरादून: प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष बदलती परिस्थितियों के साथ नित नई चुनौतियां कई तरह के सवाल बनकर सामने आ रही हैं। उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य में स्थितियां और भी चुनौतिपूर्ण हैं, जहां सरकार व शासन-प्रशासन से अपेक्षाएं बहुत हैं। सचिवालय में आईएएस वीक का औपचारिक उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्यों में विकास की प्रतिस्पर्धा चल रही है। अपने सम्मानजनक अस्तित्व के लिए इस प्रतिस्पर्धा में आगे रहना होगा। इसके लिए आर्थिक विकास मे तेजी लाने के साथ ही आम जनता को इसका फायदा दिलाना चुनिश्चित करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें तेजी से बदलते पब्लिक परसेप्शन केसाथ चलना होगा। लोकतंत्र में किसी की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। आपस में सामन्जस्य बनाना जरूरी है। युवा अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत से अधिकारी दूरदराज के क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याओं का निस्तारण भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हर व्यक्ति का काम करने का अपना तरीका होता है, परंतु जनहित सर्वोपरि होना चाहिए। लोगों के बीच में जाएं। मेंटल ब्लाॅक से बाहर आना होगा। हमारा काम ही हमारी पहचान बनता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में काम करने के लिए यहां के सामाजिक, आर्थिक, संास्कृतिक मूल्यों की जानकारी होना जरूरी है। प्रयास करें कि लोगों को बेहतर गवर्नेंस दे सकें। शासन के अधिकारी केंद्र के संबंधित मंत्रालयों से बेहतर सम्पर्क बनाकर राज्य को लाभ दिलाने का प्रयास करें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी, ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डा.मनीषा पंवार, उमाकंात पंवार, सचिव आनंदवर्धन, विनोद शर्मा सहित अन्य आईएएस अधिकारी उपस्थित थे।
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