देहरादून: आई.सी.एफ.आर.ई. में उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमंे बुनियादी चीजों को संरक्षित करना होगा। विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर विशेष जोर देना होगा। उत्तराखण्ड जैव विविधता सम्पन्न राज्यों में से एक है, इसलिए इसके संवर्द्धन व संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। हमारा प्रयास है कि इसे जनसहभागिता के आधार पर एक अभियान के रूप में संचालित किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जैव विविधता बोर्ड द्वारा गठित जैव विविधता प्रबंध समितियों को अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसका दायरा और बढ़ाने की आवश्यकता है। ग्रामीण स्तर पर इस प्रकार की समितियों के गठन से जैव विविधता के संरक्षण को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें अपने ग्रामीण अंचलों में परंपरागत ढंग से बनाये जाने वाले भोजन को भी संरक्षित करना होगा। इसके लिए प्रयास किया जाय, कि राज्य स्तरीय फूड फेस्टिवल आयोजित हो, जिसमें हमारे पारंपरिक व्यंजनों के बारे में आज की पीढ़ी भी जान सके। इससे भी जैव विविधता संरक्षण को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पहले हमारे गांवों का अपना जीवन चक्र होता था, लेकिन आधुनिकता के दौर में वहां भी बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा कि प्राकृति के चक्र में जब बदलाव आता है, तो उसका असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है। हमें प्राकृतिक संरक्षण का काम भी करना होगा। इसके साथ ही वन विभाग विलुप्त हो रही प्राजातियों के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर जैव विविधता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली जैव विविधता प्रबंध समितियों के अध्यक्षों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1.50-1.50 लाख रुपये के चैक भेंट किये। इसके साथ ही विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हबीब काॅस्मेटिक इंडस्ट्री के राजीव बिष्ट को भी प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि जैव विविधता को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है। जैव विविधता से हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है। उत्तराखण्ड जैव विविधता के मामले में समृद्ध राज्य है। हम सभी को विचार करना होगा कि आज के इस दौर में हम अपनी जैव विविधता का संरक्षण एवं संवर्धन कैसे कर सकते है।
कार्यक्रम को उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. राकेश शाह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक विनोद कुमार, प्रमुख सचिव वन डाॅ. रणबीर सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।