भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के राजनियक रिश्ते अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। दरअसल दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों में यह दरार अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में हो रहे चुनाव में भारतीय उम्मीदवार दलवीर सिंह भंडारी के समर्थन में इजाफे की वजह से पड़ी है। अब यूएन भारतीय उम्मीदवार के रोड़े में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अड़ंगा लगाना की प्लानिंग कर रहा है।
यूके आईसीजे में अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए कुछ ऐसा प्लान कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ है। यूके भारतीय उम्मीदवार को रोकने के लिए यूएन में होने वाली आखिरी वोटिंग में रोकने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके लिए यूके ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वो यूएन में अपनी स्थायी सदस्यता का इस्तेमाल भी कर सकता है।
बता दें कि नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में बतौर जज दूसरे कार्यकाल के लिए भारतीय जज दलवीर भंडारी का चुनाव अटक गया है। एक सीट पर चुनाव के लिए भारत के दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टफर ग्रीनवुड के बीच सोमवार को भी चुनाव बेनतीजा रहा। ऐसे में भारत की तरफ से भंडारी को चुने जाने के लिए फिर से अभियान चलाया गया।
इससे पहले यह अफवाह भी उड़ी थी कि भारत ने ब्रिटिश उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के पक्ष में अपने उम्मीदवार दलवीर सिंह भंडारी का नाम वापस लेने के लिए ब्रिटेन से बातचीत की है। भारत ने इस सभी अफवाहों का खंडन करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम इस बात को समझते हैं कि कुछ ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि भारत और ब्रिटेन वार्ता कर रहे हैं और न्यायाधीश भंडारी अपना नाम वापस ले सकते हैं क्योंकि उन्हें शायद जीतने का मौका नहीं मिले।
अकबरुद्दीन ने 160 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ भंडारी के स्वागत समारोह की घोषणा करते हुए कहा कि जब तक बहुमत का नतीजा आ नहीं जाता, तब तक हम यहां चुनाव में बने रहने का इरादा रखते हैं। उम्मीदवार को महासभा और परिषद दोनों में स्पष्ट बहुमत हासिल करना होगा। Amar Ujala News