लखनऊ: उत्तर प्रदेश भारतेन्दु नाट्य अकादमी को पूरी तरह सक्रिय करते हुए इसे आदर्श अकादमी के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अकादमी में नाट्य क्षेत्र में रूचि रखने वाले कलाकारों को प्रशिक्षण की सुविधा सुलभ करायी जाएगी, ताकि वह नाट्य मंचों पर अपनी कला और प्रतिभा का समुचित रूप से उपयोग कर सकें।
यह विचार भारतेन्दु नाट्य अकादमी की अध्यक्ष डाॅ0 सरिता शर्मा ने आज यहां स्थानीय नाट्य अकादमी के सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में छिपी हुई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठायें हैं। सरकार का प्रयास है कि नाट्य क्षेत्र में अभिरूचिकर्ताओं को भी बेहतर प्रदर्शन का मौका मिले, ताकि भारतेन्दु नाट्य अकादमी के कार्यकलापों को नया आयाम मिल सके।
डाॅ0 सरिता शर्मा ने कहा कि उनका सतत् प्रयास है कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी की गतिविधियों में और तेजी लायी जाय, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विधाएं आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग को उपयोगी और रचनात्मक बनाने के लिए उन्होंने सरकार को कई सुझाव दिये हैं, जिससे इनके कार्यक्रमों में सक्रियता आ सके।
डा0 शर्मा ने पत्र प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि उन्होंने अपने दस माह के सलाहकार के रूप में किये गये कार्यों के दौरान राजकीय संग्रहालय मथुरा, वृन्दावन शोध संस्थान, राजकीय अभिलेखागार, इलाहाबाद तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यालय, वाराणसी का निरीक्षण करके यहां व्याप्त कमियों को दूर किया तथा इन संस्थाओं को बेहतर बनाने के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि वृन्दावन में कृष्ण के विषय में एक कला अनुषंग की स्थापना का प्रस्ताव उन्होंने दिया जो शासन में विचाराधीन है। उनका सतत प्रयास रहा है कि विभाग को हर स्तर पर गतिशील बनाया जाय। प्रदेश में राज्य धरोहर शिक्षण संस्थान तथा राज्य प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव भी विचाराधीन है, इसके लिए लोगों से सुझाव देने का भी अनुरोध किया।
अध्यक्ष ने कहा कि संस्कृति विभाग तथा इससे जुड़ी संस्थाओं के कर्मियों की अनेक समस्याएं उनके समक्ष रखी गयी हैं, इनमें कर्मियों की पदोन्नतियों का मामला आज तक लम्बित है। उन्होंने कहा कि संस्कृति राज्य मंत्री जी से अनुरोध किया गया है कि वह कर्मियों की पदोन्नति के मामलों के साथ ही अन्य समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराया जाय, ताकि कर्मियों में व्याप्त कुण्ठा दूर हो सके और वे पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
अध्यक्ष ने संस्कृति विभाग के सचिव, डाॅ0 हरिओम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके दिशा-निर्देशन में संस्कृति विभाग के कार्यों को नई गति मिल रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह संस्कृति विभाग तथा उनसे जुड़ी संस्थाओं के कार्यों में और तेजी लायेंगे, जिससे नाट्य आदि क्षेत्र की छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सकें।