लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को राजस्व वसूली, ई-रजिस्ट्री, ई-स्टाम्पिंग के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), सहायक महानिरीक्षक निबन्धन एवं उपनिबन्धक स्थलीय निरीक्षण करें। वादों के निस्तारण समयबद्ध ढंग से तेजी के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि स्पेशल आॅडिट को भी समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। रजिस्ट्री कार्यालयांे को बाहरी लोगों व बिचैलियों से मुक्त करते हुए प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले लोगों को चिन्ह्ति कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। फर्जी स्टाम्प की घटनाओं को हर हाल में रोका जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर स्टाम्प एवं रजिस्टेªशन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर राजस्व प्राप्ति की व्यापक सम्भावनाएं हैं। इसका लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष के लिए 25 हजार करोड़ रुपए हो सकता है। इस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं भी क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण करें। वे मात्र अपने अधीनस्थ अधिकारियों पर निर्भर न रहें। उन्होंने इस अवसर पर स्थलीय निरीक्षण न होने वाले जनपदों-मैनपुरी व मिर्जापुर तथा मानक से कम निरीक्षण वाले जनपदों-बुलन्दशहर, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, औरैया, बलिया, श्रावस्ती, गाजीपुर तथा प्रयागराज के सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते हुए स्थलीय निरीक्षण के कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निरीक्षण करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को भी सूचित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने परिक्षेत्रवार-आगरा, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ, आजमगढ़, सहारनपुर, विन्ध्याचल, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, सीतापुर, देवीपाटन, मुरादाबाद, झांसी, बस्ती, गोरखपुर एवं चित्रकूट के लक्ष्यों के सापेक्ष आय के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि आय को बढ़ाने की व्यापक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने 10 सबसे कम आय के परिक्षेत्रों में निरीक्षण व राजस्व वृद्धि मंे तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने खनन की रजिस्ट्री के सम्बन्ध में आ रही समस्याओं को प्राथमिकता के स्तर पर शीघ्रता से दूर किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण इस दिशा में हर सम्भव प्रयास करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्रों के भवन खरीददारों की समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में भवन विक्रेताओं और क्रेताओं से संवाद स्थापित करते भवन रजिस्ट्री के कार्यों में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को पारदर्शी एवं भ्रष्ट्राचारमुक्त व्यवस्था के साथ-साथ न्यूनतम समय में विभाग की सेवाएं उपलब्ध हों। प्रत्येक स्तर पर कार्यालयों में आधुनिक कार्यप्रणाली अपनाते हुए डिजिटलीकरण किया जाए। विभाग द्वारा अधिक से अधिक राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने के उपाय सुनिश्चित किए जाएं। राजस्व प्राप्तियों की प्रगति व समीक्षा सुनिश्चित हो। भूमि सम्बन्धी रजिस्ट्री जांच-पड़ताल के बाद सुनिश्चित की जाए। इससे विवादों और हिंसक घटनाओं की उत्पत्ति को रोका जा सकेगा।
इस अवसर पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के वार्षिक लक्ष्य 19179.07 करोड़ रुपए के सापेक्ष माह नवम्बर, 2019 तक 10795.47 करोड़ रुपए की राजस्व आय प्राप्त की जा चुकी है, जो गत वर्ष की अपेक्षा इस अवधि तक 6.4 प्रतिशत अधिक है। ‘ईज़ आॅफ डूइंग बिजनेस’ के तहत विलेखों के आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।