लखनऊः उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ कल देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की तथा निर्देश दिये कि प्रदेश में वर्ष 2017 से वर्ष 2023 तक विभाग द्वारा कितनी सिंचन क्षमता बढ़ाई गयी है तथा कितने कृषक लाभान्वित हुए हैं इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। विभाग द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान संबंधित अधिशासी अभियन्ता द्वारा स्वयं निरीक्षण करने एवं संतुष्ट होने के पश्चात नियमानुसार ही किया जाए। यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता पायी जाती है तो उसके लिए अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आगामी तीन माह अप्रैल, मई एवं जून में डैम, नहरों एवं ट्यूबवैल के पानी का प्रबन्धन इस प्रकार किया जाए कि गर्मियों में किसानों को पानी की समस्या न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई ट्यूबवैल तकनीकी वजह से खराब होता है, तो उसे 24 से 48 घंटे में ठीक करा लिया जाए। श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो 2100 नए ट्यूबवेल लग रहे हैं उन्हें शीघ्रातिशीघ्र लगा दिया जाए जाए। दिसम्बर तक किसानों को पानी उपलब्ध हो
जल शक्ति मंत्री ने समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आवंटित धनराशि के अतिरिक्त देनदारी सृजित न की जाएं यदि ऐसा होता है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी दशा में विभागीय भूमि पर अतिक्रमण न होने पाए। इसके दृष्टिगत आवश्यक उपाय कर लिये जाएं। विभागीय स्ट्रक्चर्स पुल-पुलिया, गेस्टहाउस आदि की रंगाई-पुताई सही से करा दी जाए जिससे विभाग की छवि अच्छी रहे। श्री सिंह ने निर्देश दिया कि गर्मियों में तालाबों को भरने का अभियान चलाया जाए। समय से तालाबों को भर लिया जाए जिससे पशुओं को पीने एवं सिंचाई हेतु पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े।