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यदि बच्चे यूनीफॉर्म में नहीं आ रहे हैं, तो प्रधानाचार्य द्वारा अभिभावकों से संवाद बनाया जाना चाहिए: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 01 से कक्षा 08 तक के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा क्रय हेतु प्रति छात्र-छात्रा को 1,100 रुपये की धनराशि, उनके माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 01 करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली यह सुविधा उनके जीवन में नया प्रकाश लाने का अभियान है। विगत साढ़े चार वर्ष में प्रदेश सरकार ने प्रतिवर्ष बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों को स्कूल बैग, यूनीफॉर्म, पुस्तकें आदि के साथ ही जूता-मोजा और स्वेटर उपलब्ध कराया है। इन वस्तुओं की गुणवत्ता पर प्रश्न के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसके लिए व्यय की जाने वाली धनराशि विद्यार्थी के माता/पिता/अभिभावक को डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए। विद्यार्थियों के माता/पिता/अभिभावक द्वारा स्वयं स्कूल यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा क्रय से विद्यार्थियों को समयबद्ध ढंग से और बेहतर गुणवत्ता की वस्तुएं उपलब्ध हो सकेंगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज 01 करोड़ 20 लाख विद्यार्थियों के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि अन्तरित की जा रही है। शेष 60 लाख छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खातों के सत्यापन और आधार सीडिंग की कार्यवाही प्रचलित है। शीघ्र ही इसे पूरा कर शेष विद्यार्थियों के माता/पिता/अभिभावक को भी यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, स्वेटर, जूता-मोजा की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता की वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा क्लास टीचर को इस व्यवस्था से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि यदि बच्चे यूनीफॉर्म में नहीं आ रहे हैं, तो प्रधानाचार्य द्वारा अभिभावकों से संवाद बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को प्रारम्भिक 08 वर्षाें में दी जाने वाली शिक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। इस समय बच्चों को साफ-सफाई, सामान्य शिष्टाचार तथा संस्कारयुक्त शिक्षा दी जानी चाहिए। इन 08 वर्ष में विद्यार्थियों को जो संस्कार दिया जाएगा, वह राष्ट्र की आधारशिला बनेगा। संस्कारयुक्त शिक्षा से राष्ट्र के मित्र और शत्रु की पहचान की क्षमता विकसित होती है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता में आने के बाद से ही तकनीक के बेहतर प्रयोग के माध्यम से भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था देने के लिए प्रतिबद्ध थी। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत साढ़े चार वर्षाें में इस दिशा में किये गये प्रयासों में उल्लेखनीय सफलता मिली है। वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार के आने पर बेसिक शिक्षा परिषद की स्थिति जर्जर थी। शिक्षकों के तमाम पद रिक्त थे। वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक के प्रयोग, टीमवर्क, नेक नीयती और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्ययोजना बनाकर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलांे में शिक्षण की गुणवत्ता में आमूलचूल बदलाव किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’, ‘ऑपरेशन कायाकल्प’, ‘मिशन प्रेरणा’, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के उच्चीकरण, खेलांे को बढ़ावा देकर, वन्य क्षेत्रों और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की व्यवस्था करके स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। डेढ़ लाख शिक्षकों की पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करायी गयी। इसमें से 1.26 लाख शिक्षकों की भर्ती बेसिक शिक्षा विभाग में हुई है। राज्य सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा में निरन्तर सुधार के प्रयासों से भारत सरकार द्वारा घोषित परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इण्डेक्स रैंकिंग में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2017-18 में राज्य परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इण्डेक्स रैंकिंग में ग्रेड-5 में था। जबकि वर्ष 2019-20 में प्रदेश ने ग्रेड-1 में स्थान बनाया है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जुलाई, 2017 में राज्य सरकार द्वारा ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया गया। इसके अन्तर्गत 15 दिनों तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षकगण ने अभिभावकों से सम्पर्क कर उनके बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ संचालित किया गया। इसके अन्तर्गत, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं जनसहयोग से परिषद के स्कूलों में शौचालय, फ्लोरिंग, पेयजल, स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था करायी गयी। 01 लाख 60 हजार विद्यालयों में से 01 लाख 33 हजार विद्यालयों को इन सुविधाओं से आच्छादित किया गया। ग्राम विकास एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से खेल के मैदान, ओपेन जिम का निर्माण तथा अधिकतर विद्यालयों में बाउण्ड्री वॉल की व्यवस्था करायी गयी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के सम्बन्ध में नजरिया बदला है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बेसिक शिक्षा के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 01 करोड़ 30 लाख से बढ़कर 01 करोड़ 81 लाख पहुंच गयी। यह बेसिक शिक्षा परिषद के उन्नयन एवं प्रगति को दर्शाता है। वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय अलग दिखते हैं। तकनीक का प्रयोग और अन्तर्विभागीय समन्वय बेसिक शिक्षा परिषद में उन्नयन का माध्यम बना है। दीपावली पर गोरखपुर के वनटांगिया गांव की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब वहां बेसिक शिक्षा परिषद का स्मार्ट क्लास युक्त अच्छा विद्यालय बन गया है, इससे विद्यार्थी भी स्मार्ट हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद चित्रकूट में इण्डियन ऑयल की मदद से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनी है। यह सुविधाएं बच्चांे के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में उपयोगी सहायक होंगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 जैसे विभागों, जिनकी विभिन्न जनपदों में बड़ी परियोजनाएं कार्यशील रहती हैं, उनके द्वारा जनपद के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सी0एस0आर0 के माध्यम से स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाओं की व्यवस्था करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाराणसी में सेवापुरी विकास खण्ड में कन्वर्जेंस के माध्यम से बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। यह अन्य विकास खण्डों के लिए मॉडल बन सकता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश ने बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। भारत सरकार की स्कूली शिक्षा की ग्रेडिंग में वर्ष 2017-18 में 5वें पायदान से वर्तमान में प्रदेश पहले पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा क्रय हेतु प्रति छात्र-छात्रा को 1,100 रुपए की धनराशि, उनके माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ किया जा रहा है। आज का दिन बेसिक शिक्षा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने कहा कि राज्य सरकार बेसिक शिक्षा में समग्र सुधार हेतु कृतसंकल्प है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा में 01 लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति से बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा में विद्यार्थियांे को यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर आदि क्रय कर उपलब्ध कराने के स्थान पर 1,100 रुपये की धनराशि विद्यार्थियों के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खातों में अन्तरित करने का निर्णय लिया है, जिससे वह अपनी संतुष्टि के अनुसार इन वस्तुओं का क्रय कर सके।

प्रमुख सचिव ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 1.65 करोड़ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनके उपयोगार्थ 300 रुपये प्रति सेट की दर से 02 यूनीफॉर्म के लिए 600 रुपये, स्वेटर हेतु 200 रुपये, जूता-मोजा हेतु 125 रुपये, स्कूल बैग हेतु 175 रुपये कुल 1,100 रुपये की धनराशि प्रत्येक छात्र-छात्रा के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में अन्तरित की जा रही है। प्रदेश के सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा-01 से 08 तक लगभग 15 लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनके उपयोगार्थ 300 रुपये प्रति सेट की दर से 02 सेट यूनीफॉर्म हेतु 600 रुपये, स्कूल बैग हेतु 175 रुपये, कुल 775 रुपये की धनराशि प्रत्येक छात्र-छात्रा के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में अन्तरित की जानी है। उन्होंने कहा कि इस योजना के सम्बन्ध में जागरूकता के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग से प्रचार-प्रसार की व्यापक कार्यवाही की जा रही है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती अनामिका सिंह, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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