नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्ममहोत्सव ने दुनियाभर के फिल्म विशेषज्ञों को पर्दे के पीछे के अपने अनुभव और कहानियों को लोगों के साथ साझा करने के लिए एक अनोखा मंच उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि आईएफएफआई को बेहतर बनाने और फिल्म के क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों को बेहतर अनुभव मुहैया कराने के लिए केन्द्र एवं राज्य दोनों ही सरकारें वचनबद्ध हैं और एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। मंत्री ये बातें गोवा में आयोजित 47वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मीडिया के साथ बातचीत में कहीं।
मंत्री ने गोवा में आयोजित 47वें आईएफएफआई में राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (National Film Archive) द्वारा स्थापित की गई मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का दौरा भी किया। ‘आज़ादी के 70 वर्ष, याद करो कुर्बानी’ विषय पर केन्द्रित इस प्रदर्शनी को भारत की आज़ादी के 70 वर्ष के पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है, जिसमें फिल्मों के माध्यम से आज़ादी के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। कर्नल राठौर ने इस अवसर पर कहा कि संचार माध्यम के रूप फिल्में एक प्रभावशाली हथियार हैं और उन्होंने सिनेमा प्रदर्शनी के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को दर्शाने के लिए एनएफएआई के प्रयासों की सराहना भी की।
विमुद्रीकरण योजना के विषय पर मीडिया से बातचीत में कर्नल राठौर ने कहा कि सरकार की यह पहल फिल्म उद्योग में पारदर्शिता लाएगी और फिल्म क्षेत्र में काले धन के उपयोग पर अंकुश लगाने में कारगर सिद्ध होगी।