17.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आई जी गढवाल श्री संजय गुज्याल को मानवाधिकार संरक्षण रत्न प्रदान करते न्यायमूर्ति विजेन्द्र जैन।

उत्तराखंड

देहरादून: केदारनाथ धाम क्षेत्र में 16 व 17 जून 2013 को प्राकृतिक आपदा में लापता हुए उत्तरखण्ड पुलिस विभाग के कर्मियों तथा आपदा के दौरान सराहनीय कार्य करने वाले आई.टी.बी.पी एवं उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सम्मान में मानवाधिकार संरक्षण केन्द्र देहरादून के तत्वाधान में आयोजित ’मानवाधिकार संरक्षण रत्न सम्मान समारोह 2015’ मा0 न्यायमूर्ति/अध्यक्ष उत्तराखण्ड एवं हरियाणा मानवाधिकार आयोग के मुख्य आथित्य में जनपद के राजपूर रोड स्थित एक होटल में कार्यक्रम आयोजित किया गया।मुख्य अथिति मा0 न्यायामूर्ति विजेन्द्र जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि 2013 की आपदा के दौरान समाचार पत्रों में पुलिस की अधिकतर निष्क्रियता ही दिखाई गई थी जबकि सेना के द्वारा आपदा का राहत कार्य सम्भालने से पूर्व आई.टी.बी.पी व पुलिस के अधिकारियों एवं जवानों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बहुत ही अनुकरणीय कार्य किया था। उन्होने कहा आपदा के दौरान समाचार पत्रों एवं चैनलों में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ का एक साथ ही जिक्र किया गया था जिससे अनावश्यक रूप से बद्रीनाथ में अफरातफरी मच गयी थी जबकि आपदा बद्रीनाथ में नही आयी थी मीडिया को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है कि किसी खबर का कितना नाकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होने आई.टी.बी.पी और पुलिस के अधिकारियों/जवानों को आपदा के दौरान सराहनीय कार्य करने के लिए प्रशंसा की। उन्होने गढवाल आई.जी श्री संजय गुंजयाल को प्राकृतिक आपदा में बेहतर कार्य करने हेतु ’मानवाधिकार संरक्षण रत्न’ प्रदान करते हुए उनकी मुक्तकंठ प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास़्त्रोत है।
इस अवसर पर आई.जी संजय गुंज्याल ने मानव अधिकार संरक्षण रत्न ग्रहण करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि आपदा के दौरान आई.टी.बी.पी व पुलिस के अधिकारियों/जवानों के अनुकरणीय कार्यों को शब्दों में बयां नही किया जा सकता। उन्होने कहा आपदा के दौरान अधिकारियों/जवानों ने एक सुरक्षाकर्मी, एक डाॅक्टर, एक पण्डित, एक पारिवारिक सदस्य तथा एक मनोचिकित्सक की भांति कई भूमिका में एक टीम की तरह कार्य किये।
सम्मान समारोह में आपदा के दौरान पुलिस व आई.आर.बी. के लापता जवानों की ओर से ए.डी. जी.पी आर.एस मीणा, 10 आई.टी.बी.पी के अधिकारियों/जवानों तथा 10 उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों/जवानों को मानवाधिकार सरंक्षण रत्न से नवाजा गया।
इस अवसर पर मानवाधिकार संरक्षण केन्द्र के अध्यक्ष जस्टिस के.डी. शाही, प्रदेश पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष अशोक वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक आर.एस मीणा, आई.जी.आई.टी.बी.पी. आई.एस नेगी, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए आर मीनाक्षी सुन्दरम ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये तथा विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं विभागों के प्रतिष्ठित व्यक्ति तथा मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More