नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 6 अक्टूबर को लखनऊ में चौथे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-आईआईएसएफ 2018 का उद्घाटन करेंगे। चार दिवसीय इस आयोजन में करीब 10000 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें 5000 छात्र, 550 शिक्षक तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के 200 छात्र, 20 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि और करीब 200 स्टार्टअप्स शामिल होंगे।
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि आईआईएसएफ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, नवोन्मेषकों, कलाकारों और आम जनता को एक बड़ा मंच उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान के प्रति युवाओं में रुचि पैदा करने तथा विज्ञान के जरिए हितधारकों के एक व्यापक नेटवर्क को प्रोत्साहित करने का माध्यम भी है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार का आईआईएसएफ विज्ञान को राष्ट्रीय एजेंडे में प्रमुख स्थान देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री को अटल बहिारी वाजपेयी को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह श्री वाजपेयी ही थे जिन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे के साथ जय विज्ञान का नारा जोड़ा था।
‘बदलाव के लिए विज्ञान’ विषय पर आयोजित इस महोत्सव में 23 विशेष सत्र होंगे। उन्होंने बताया कि इस बार महोत्सव में ‘साइंस विलेज’ का आयोजन भी किया जाएगा। इसके आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समाज के सामने आ रही चुनौतियों का वैज्ञानिक समाधान उन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि साइंस विलेज प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना से जुड़ा है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणू स्वरूप ने इस अवसर पर कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में देश की प्रगति में महिला वैज्ञानिकों के योगदान को दर्शाना महोत्सव का प्रमुख हिस्सा होगा। महोत्सव में करीब 800 महिला वैज्ञानिक और उद्यमी हिस्सा लेंगी।
पहला और दूसरा विज्ञान महोत्सव नई दिल्ली में तथा तीसरा चेन्नई में आयोजित किया गया था। चौथा महोत्सव 5 से 8 अक्तूबर तक लखनऊ में आयोजित किया जाएगा।