देहरादून: आईआईटी मंडी आईहब एचसीआई फाउंडेशन और रूबिस्केप प्राइवेट लिमिटेड भारत की पहली एकीकृत डेटा साइंस उत्पाद कंपनी ने मंगलवार को एक व्यापक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, कौशल विकास तथा अन्य क्षेत्रों में में मिलकर काम करना है।
सत्र को संबोधित करते हुए आईहब के परियोजना निदेशक डॉ वरुण दत्त ने कहा, ष्यह गठबंधन एआई-डीएस (अर्टिफिकल इंटेलिजेंस, डाटा साइंसेज) और एचसीएल (ह्यूमन कंप्यूटर इंटरेक्शन) प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने की दिशा में सूचना और संसाधनों को साझा करने में मदद करेगा।
रुबिस्केप प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ डॉ प्रशांत पानसरे ने कहा, बढ़ता डिजिटलीकरण डेटा-लोकतांत्रिकीकरण के लिए एक बड़ा अवसर पैदा करता है। प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास और आईपी निर्माण भारत में गति प्राप्त कर रहा है और हम भविष्य के नवाचारों के लिए युवा को सशक्त बनाकर आईआईटी मंडी आईहब के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं। यह एक मजबूत साझेदारी होगी क्योंकि यह आईआईटी मंडी आईहब और रूबिस्केप प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण के साथ आत्म निर्भर भारत की दिशा में और मजबूती लाएगा।
सीईओ अविनाश पुनेकर ने कहा, “रूबिस्केप एक ‘प्रौद्योगिकी भागीदार’ के रूप में आईहब इनक्यूबेटर कार्यक्रम से स्टार्टअप/उद्यमियों को आईहब को प्रदान किए गए प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने उत्पादों, सेवाओं और समाधानों की अवधारणा और निर्माण करने की अनुमति देगा।’’
इस अवसर पर निदेशक आईहब डॉ वेंकट कृष्णन, रुबिस्केप से केदार सबने, गौरी बापट, राहुल गाडसिंग, अंकुश पठानिया, नवधा भारद्वाज, अरविंद शर्मा, मोनिशा बहुगुणा, अंजना उपस्थित रहे।