नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरन रिजीजू ने कहा है कि मानव तस्करी, मादक दृव्य एवं हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह और हवाला व्यापार के साथ मिलकर अवैध प्रवास स्थिरता के लिए गंभीर खतरे प्रस्तुत करते हैं। आज रूस के सोचि में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) के प्रवास अधिकारियों के प्रमुख की पहली मंत्री स्तरीय बैठक और “समाज के सफल विकास की एक कुंजी के रुप में प्रबंधन प्रवास की नई रणनीतियां” पर एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री किरन रिजीजू ने कहा कि भारत अवैध प्रवास के विरुद्ध प्रतिबद्ध है और इसे खत्म करने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाता रहेगा। श्री किरन रिजीजू ने कहा कि ब्रिक्स के सभी सदस्य देश पड़ोसी देशों से अवैध प्रवास से संबंधित गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं। इसके साथ-साथ वे मानव तस्करी से संबंधित मुद्दों का भी सामना करते हैं जो कानूनी ढांचे से बाहर स्थित लोगों की संख्या के विस्तार, संगठित अपराध के बढ़ने, बढ़ते भ्रष्टाचार, बाल उत्पीड़न और मानवों के अन्य प्रकारों के शोषण के साथ जुड़े हैं। केवल यही नहीं, मानवों की तस्करी करने वाले गिरोह लगातार मादक दृव्यों और हथियारों के तस्करों के साथ जुड़े रहते हैं और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा प्रस्तुत करते हैं। इसके साथ-साथ वे आतंकवाद समेत विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के वित्त पोषण में अवैध वित्तीय स्थानांतरण से जुड़े हुए हैं।
प्रवास के सकारात्मक प्रभावों को रेखांकित करते हुए गृह राज्य मंत्री ने अवैध प्रवास द्वारा श्रम बाजार और सामाजिक ताने-बाने पर डाले जा रहे दबाव की ओर भी इशारा किया। श्री रिजीजू ने कहा कि बड़े पैमाने पर प्रवास प्रभावित समाज में स्थानीय संस्कृति, नृजातीय एवं धार्मिक एकता में ह्रास का खतरा प्रस्तुत करता है। इसके परिणामस्वरूप ऐसे भी उदाहरण रहे हैं जब प्रवासी, खास कर अवैध प्रवासियों ने नृजातीय तनाव फैलाने एवं हिंसक दंगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कभी-कभार ये मुद्दे काफी संवेदनशील बन जाते हैं और भारत की आधारभूत बनावट को खतरे में डाल देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने बड़े पैमाने पर अवैध प्रवास और समाज के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक ताने-बाने पर इसका असर देखा है।
श्री रिजीजू ने कहा कि भू-मंडलीकरण के वर्तमान युग में प्रवास के प्रवाह को रोका नहीं जा सकता लेकिन वैध प्रवास को बढ़ावा देने, संसाधन केन्द्रों की स्थापना करने, प्रवासियों के लिए कौशल विकास का आयोजन करने आदि के जरिए इसे पारदर्शी, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की जरूरत है।