लखनऊ: प्रदेश की भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री श्रीमती अर्चना पाण्डेय ने भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ‘खनिज भवन’ में आर्टीफिशियल इन्टेलिजेन्स युक्त साफ्टवेयर द्वारा खनन संक्रियाओं की माॅनीटरिंग किये जाने हेतु ड्रोन एवं क्लाउड सर्विसेज के माध्यम से अवैध खनन/परिवहन की निगरानी किये जाने हेतु स्थापित किये गये स्थायी कमाण्ड सेन्टर (Unified Revenue Command Center) का उद्घाटन किया।
राज्यमंत्री ने कहा कि इस स्थायी कमाण्ड सेन्टर के माध्यम से अवैध खनन व परिवहन पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह विभाग का एक सार्थक व सराहनीय प्रयास है इससे जनसामान्य को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इससे सही तरीके से काम करने वाले पट्टा धारकों का मनोबल बढ़ेगा और अवैध खनन व परिवहन करने वाले पट्टा धारकों पर सख्त निगरानी रखी जा सकेगी।
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक, डा0 रोशन जैकब ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वीकृत खनन क्षेत्रों के परिहारधारकों द्वारा क्षेत्र में उपखनिज बालू/ मौरम का खनन व निकासी के कार्य के अनुश्रवरण हेतु ड्रोन से चित्र प्राप्त कर सेन्ट्रल कमाण्ड सेण्टर लखनऊ में मानीटरिंग की व्यवस्था की गयी है, जिससे खनिजों के अवैध खनन/ परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा।
डा. रोशन जैकब ने बताया कि परिहारधारकों द्वारा क्षेत्र से बाहर खनन कार्य किये जाने या वाहनों में निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में खनिज की निकासी को ड्रोन से प्राप्त वीडियोे के आधार पर सम्बन्धित अधिकारियों के मोबाईल ऐप में मैसेज द्वारा अवगत कराया जायेगा तथा सम्बन्धित अधिकारी तत्काल मौके पर पहुॅच कर अवैधानिक खनन/परिवहन के विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही कर सकेंगे। Integrated Mines Surveillance System के प्रथम चरण के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गयी है, जिसे भविष्य में Vehicle Tracking System एवं Automated Check Gates की व्यवस्था कर जोड़ा जायेगा, जिससे खनिजों के परिवहन हेतु रवन्ना (Transit Pass) को स्थायी कमाण्ड सेन्टर से चेक किया जा सकेगा।
इस अवसर पर डा. रोशन जैकब ने स्थायी कमाण्ड सेन्टर (Unified Revenue Command Center) के माध्यम से जनपद बाराबंकी के नदी तल स्थित खनन क्षेत्रों का लाइव वीडियो अवलोकित कराया गया। राज्यमंत्री द्वारा विभागीय अधिकारियों के प्रयासों की प्रशंसा की गयी तथा निर्देश दिये गये कि अवैध खनन/परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण किये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय, जिससे प्रदेश के आम जनमानस को उचित मूल्य पर उपखनिज बालू/ मौरम/ गिट्टी इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।