नई दिल्ली: राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र एनसीडीसी, दिल्ली द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार जलवायु में अभूतपूर्व परिवर्तन के बावजूद संक्रामक रोगों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। मानव स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर सारे विश्व में ही नहीं बल्कि भारत में भी चिंता बढ़ रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जलवायु परिवर्तन स्वास्थ्य के सामाजिक और पर्यावरणीय निर्धारकों को प्रभावित करता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान,बाढ़ और चक्रवात आदि मौसमी घटनाएं उग्ररूप में देखने को मिलती है।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की परिषद ने जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के लिए नये मिशन को शामिल किया है। मानव स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के विपरित प्रभाव से संबंधित मुद्दे का राहत और उचित तरीकों द्वारा हल निकालने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञों का समूह गठित किया है।
देश में दिनचर्या से संबंधित गैर संचालित बीमारियां जैसे उक्त रक्तचाप, कैंसर, मधुमेह आदि बढ़ रही है। केन्द्र सरकार जागरूकता बढ़ाने, जीवनचर्या से संबंधित गैर संचारित बीमारियों और मृत्यु आदि की घटनाओं में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकारों द्वारा के जा रहे प्रयासों और गतिविधियों में अतिरिक्त सहयोग दे रही है।
राष्ट्रीय कैंसर, मुधमेह और हृद्य रोग एवं स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) नियंत्रण और रोकथाम कार्यक्रम जुलाई 2010 से लागू किया जा रहा है। ये कार्यक्रम मुख्य रूप से जागरूकता बढ़ाकर रोकथाम, व्यवहार और दिनचर्या में बदलाव, उच्चस्तरीय जोखिम वाली बीमारियों से जूझ रहे लोगों को उपचार एवं प्रांरभिक स्तर पर बीमारी से अवगत कराने और उचित प्रबंधन के लिए उच्च सुविधाओं के लिए भेजने पर जोर देता है। इस कार्यक्रम में वर्ष 2013-14 से रा्ष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मानव संसाधन, मूल ढांचा प्राथमिक जांच और उपचार के साथ ही साथ सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता द्वारा राज्य सरकारों को सहयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही भारत सरकार ने देश में कैंसर के ईलाज के लिए सुविधाओं को तिगुना करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत भारत सरकार ने देश के विभिन्न भागों में 20 कैंसर राज्य संस्थानों (एससीआई) और पचास टेरीटेरी कैंसर सेंटर को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू की है। विश्व मुधमेह दिवस सहित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाये गये हैं और भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले 2014 के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।