लखनऊ: सर्वसाधारण की जानकारी के लिए गृह विभाग की वेबसाइट पर महत्वपूर्ण निर्णयों, शासनादेशों, अधिसूचनाओं आदि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गयी है। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए गुण्डा एवं गैगेस्टर एक्ट का दायरा बढ़ाने, अपराध के कारण हुई क्षति पर शासन द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली क्षतिपूर्ति, प्रदेश में एसिड की बिक्री पर लगायी गयी रोक, रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों पर रिर्पोटिंग पुलिस चैकी एवं पुलिस कर्मियों की तैनाती के संबंध में लिये गये निर्णयों का ब्यौरा अब गृह विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति गृह विभाग की वेबसाइट www.uphome.gov.in के ‘‘होम पेज’’ पर ’’महत्वपूर्ण जानकारी’’ शीर्षक के अन्तर्गत उक्त सभी जानकारी को देख सकता है।
प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) (संशोधन) अधिनियम, 2015 तथा उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण (संशोधन) अधिनियम, 2015 के सम्बन्ध में जारी अधिसूचना गृह विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गयी है। इससे अपराधियों पर प्रभावी अंकुष लगाने में मदद मिलेगी और समाज विरोधी क्रियाकलाप करने वालो में कानून का भय उत्पन्न होगा।
श्री पण्डा ने बताया कि ऐसे पीड़ितों या उनके आश्रितों जिन्हे अपराध के कारण हानि या क्षति हुई है और पुनर्वास की आवश्यकता है, को क्षतिपूर्ति देने के प्रयोजनार्थ ’’उत्तर प्रदेश पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना’’ के सम्बन्ध मे जारी अधिसूचना भी वेबसाइट पर उपलब्घ है। उन्होंने बताया कि ‘‘उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों’’ पर रिर्पोटिंग पुलिस चैकी एवं पुलिस कर्मियों की तैनाती के संबंध में जारी शासनादेश को भी वेबसाइट पर आम लोगों की जानकारी के लिये उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश मे चयनित 11 जनपदों मे पायलट आधार पर स्थापित किये जाने वाले आशा ज्योति केन्द्रों पर महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता हेतु ‘‘महिला पुलिस रिर्पोटिंग चैकी’’ भी स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तेज़ाब (एसिड) की बिक्री को कुछ शर्तो के साथ तब तक के लिये पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है जब तक तेजाब (एसिड) विक्रेता द्वारा शासन के दिशा-निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जाता है। शासन द्वारा निश्चित की गयी प्रक्रिया, शर्तो तथा उसके उल्लंधन पर दण्ड के प्रविधान से संबंधित जानकारी का विवरण भी गृह विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है।