नई दिल्ली: सरकार ने आज दिल्ली की हवा में प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रियों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लोगों की भागीदारी और मीडिया की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि सभी राज्य सरकारों और एजेंसियों ने दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण कम करने के लिए नागरिकों को शामिल करने के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। बैठक में विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम करने का भी फैसला किया गया। इसके अलावा कृषि, निर्माण कचरा और मलबा तथा वाहनों से होने वाले प्रदूषण जैसे चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों से निपटने के लिए तीन महीनों की कार्य योजना तथा एक वर्ष की एक अन्य कार्य योजना तैयार की गई। हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रत्येक राज्य में और प्रत्येक संगठन द्वारा केन्द्र स्थापित किये जाएगें।
दिल्ली में एक लाख वाहनों का चालान किया गया है। वाहनों के सुगम-आवागमन तथा दिल्ली में ओवर लोडेड वाहनों को प्रवेश नहीं करने देने का भी प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली में एक नये पीयूसी जांच तंत्र का परीक्षण चल रहा है और इसके अगस्त तक के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। प्रदूषण जांच की नई प्रणाली के अंतर्गत गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेंगी।
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद में 57 औद्योगिक इकाइयों पर लगातार नजर रखी जा रही है। राजस्थान में 30 ईंट भट्टों को बंद कर दिया गया है, 9 स्टोन क्रशिंग इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और 12 अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पंजाब में ठूंठ जलाने के मामलों को कम करने के लिए बेलर मशीने लगाई गई है। उत्तर प्रदेश सरकार को सुझाव दिया गया है कि वह बेलर मशीनों के लिए सब्सिडी प्रदान करें।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, दिल्ली के पर्यावरण और वन मंत्री श्री असीम अहमद खान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली ट्रेफिक पुलिस के अधिकारियों के अलावा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सरकार के अधिकारी भी शामिल हुये।