नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कोलकाता में दैनिक आजकाल के 35वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में मतांतर का महत्वपूर्ण स्थान होता है। असहिष्णुता का कोई स्थान नहीं होता है। विवाद, मतांतर और निर्णय के बिना संसदीय लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता। विवाद को प्रोत्साहन देने और समाज को गलतियों से रोकने में समाचार पत्रों की बड़ी भूमिका होती है। इस संबंध में राष्ट्रपति ने आजकाल की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 35 वर्षों के दौरान समाचार पत्र ने रचनात्मक राय कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासतौर से पश्चिम बंगाल के आधुनिक दौर में।
राष्ट्रपति ने आजकाल में श्री पी.के.एस. कुट्टी के कार्टूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री कुट्टी ने उनके कार्टून भी बनाए जिससे उन्हें बहुत आनंद मिला। उन्होंने कहा कि कार्टूनों के जरिए महत्वपूर्ण सामाजिक टप्पणियां की जाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने एक बार कहा था, ‘मुझे मत बख्शें, शंकर।’ राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री पंडित नेहरू आलोचना के प्रति बहुत सहनशील थे और उन्होंने व्यंग्य को हमेशा प्रश्रय दिया था।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी, पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री श्री फरहाद हकीम, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान श्री सौरव गांगुली और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।