लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा है। यहां वन महोत्सव अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। प्रदेश में विगत 06 वर्षों में 131 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इस कार्य में व्यापक जनसहयोग प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-22 में 30.53 करोड़ और 2022-23 में 35.49 करोड़ पौधे लगाए गए। यह सुखद है कि पौधे लगाने के साथ ही, इनके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023-24 के वृहद वृक्षारोपण अभियान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टेट ऑफ फाॅरेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से वर्ष 2021 की अवधि में प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में 794 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। हमारा लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को वर्तमान के 9 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक करने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप हमें अगले 05 वर्षाें में 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे। इस लक्ष्य के अनुरूप सभी को प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष वृहद पौधारोपण अभियान में 35 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य लेकर सभी विभागों, संस्थानों तथा सभी नागरिकों को प्रयास करना होगा। वन विभाग द्वारा विभागवार पौधरोपण का लक्ष्य दिया जाए। इसी के अनुरूप मण्डलवार लक्ष्य भी तय किये जाने चाहिए। 15 अगस्त के दिन एक साथ 05 करोड़ पौधे लगाए जाने की तैयारी करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 01 से 07 जुलाई की अवधि में प्रदेशव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान संचालित किया जाए। प्रतिबन्धित प्लास्टिक के उपयोग न करने, स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करने, वेस्ट मैनेजमेण्ट के लिए आमजन को जागरूक करने के लिए स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। निबंध लेखन, प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आमजन को पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से जोड़ें। इस एक सप्ताह के जागरूकता अभियान के उपरान्त वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदान के चारों ओर पौधरोपण की कार्यवाही की जाए। इसके अलावा, इस वर्ष वृक्षारोपण अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर न्यूनतम 01 हजार पौधे लगाए जाएं। शहरी वाॅर्डों में भी पौधरोपण के लिए लक्ष्य निर्धारित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में हरित आवरण में वृद्धि के लिए वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए। व्यापक स्तर पर जनसामान्य के सहयोग से वानिकी को जन आन्दोलन बनाये जाने के लिए ग्रामीण व शहरी स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार करें। समस्त शासकीय परिसरों/विभागों/न्यायालय परिसरों/व्यक्तियों/कृषकों/निजी भूमि एवं शासकीय निकायों/ रेलवे/रक्षा/औद्योगिक संस्थानों/सहकारी समितियों एवं अन्य सम्बन्धित शासकीय विभागों/संस्थाओं को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की पौधशालाओं से पौधे उपलब्ध कराये जाएं। हाईटेक नर्सरी तैयार की जाए। सभी को उच्च गुणवत्ता के पौधे सुलभता से मिल सकें, इसके लिए विधिवत तैयारी की जाए। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हरित क्षेत्र को सघन बनाने तथा हरीतिमा बढ़ाने के लिए हमें शहरों में विशेष प्रयास करना होगा। 2 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले सभी नगरीय निकायों में सिटी फाॅरेस्ट का विकास किया जाए। इस कार्य से निजी क्षेत्रों, एन0जी0ओ0 तथा धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा जाए। कृषि वानिकी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक है। साथ ही, नवीन रोजगार सृजन में भी सहायक है। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए।