देहरादून: सोमवार को सचिवालय मे मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में शासन के अधिकारियों की नाबार्ड के साथ बैठक की गई। इसमें नाबार्ड पोषित बजट के विभागवार आवंटन पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया गया कि नाबार्ड से प्रदेश को लगभग 1200 करोड़ रूपए का वित्त पोषण होना है।
इसमें नाबार्ड व प्रदेश में 70:30 का अनुपात होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में व्यवहारिकता को प्राथमिकता दी जाए। ऐसी योजनाएं चयनित की जाएं जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करे और ग्रामीणों की आजीविका का आधार बनें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि व पशुपालन सेक्टर पर विशेष ध्यान देना होगा। जंगली जानवरों से खेतों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण, छोटे-छोटे जलाशयों का निर्माण, परम्परागत फसलों के बीज संवर्धन, आॅफ सीजन फल व सब्जियाें का उत्पादन, भ्जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। साथ ही महिला डेयरियों को मजबूत किये जाने की भी आवश्यकता है। बैठक में प्रारम्भिक तौर पर तय किया गया लोनिवि के लिए 500 करोड़, सिंचाई के लिए 200 करोड़, पेयजल के लिए 300 करोड़, कृषि व पशुपालन के लिए 150 करोड़ रूपए की राशि का प्राविधान किया जाएगा।
बैठक में सीएम के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत, मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, नाबार्ड के एमडी सीपी मोहन, उत्तराखण्ड शासन में प्रमुख सचिव एस रामास्वामी, पीसीसीएफ श्रीकांत चंदोला, सचिव आनंदवर्धन, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।