देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये वन व पर्यटन विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इको टूरिज्म कारपोरेशन को शीघ्र क्रियाशील किया जाय, साथ ही वन ग्रामों को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन की रूप रेखा तैयार कर इको टूरिज्म सोसाईटी गठित की जाय।
सचिवालय में इको टूरिज्म से सम्बंधित गतिविधियों एवं इससे सम्बन्धित कार्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि होम स्टे योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाय। वन क्षेत्र से जुड़े गांवों को टूरिज्म डेस्टिनेशन के साथ नेचुरल हेरिटेज से इन्हें जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत वन क्षेत्रों से जुड़े गांवों व इन क्षेत्रों में अन्य पर्यटन गतिविधियों को संचालित कर इससे आय के संसाधन विकसित किये जाय, इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को इससे जोड़ने से उनकी आर्थिकी में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म के माध्यम से पर्वतीय आर्थिकी को मजबूत करने की आवश्यकता है। इससे पलायन पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म कारपोरेशन के माध्यम से पर्वतारोहण, राॅक क्लाइविंग जैसी गतिविधियों को शामिल किया जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फारेस्ट डाक बंगलों का बेहतर उपयोग हो, इसका ध्यान रखा जाय। इस दिशा में भी इको टूरिज्म कारपोरेशन कार्य करें। इन डाक बंगलों की अनटोल्ड स्टोरी तैयार करने की दिशा में पहल की जाय। इसके लिये प्रसिद्ध लेखकों को इससे जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड में दो उपाध्यक्ष व 03 सदस्य जनप्रतिनिधि नामित होंगे, ताकि इसका कार्य बेहतर ढ़ंग से संचालित हो सके। उन्होंने डाक बंगलों में लोकल क्राफ्ट के शो केस स्थापित करने तथा स्थानीय काष्टकारों को रियायती दर पर लकड़ी उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये, ताकि स्थानीय संस्कृति, कला व परम्पराओं का प्रचार-प्रसार हो सके।
उन्होंने कहा कि वन व पर्यटन ट्रेकिंग रूटों को चिन्हित कर आपसी समन्वय के साथ कार्ययोजना बनाये, ताकि इनका अधिक से अधिक पर्यटन उपयोग कर सके। उन्होंने गोमुख के ट्रेक को वर्षभर कतिपय प्रतबन्धों के साथ ट्रेकिंग के लिये खोलने, पीक फीस के निर्धारण तथा ट्रेकिंग परमिशन के लिये निर्धारित प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने की भी बात कही। इसके लिये सिंगल विंडो प्रणाली लागू की जाय। बीच कैम्पिंग पोलिसी को भी शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश उन्होंने दिये। उन्होंने वर्ड वाचिंग, हाउस कीपिंग, नेचर गाइड जैसे कार्यक्रमों के संचालय पर विशेष ध्यान देने को कहा।