14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत जी

उत्तराखंड

देहरादून: ग्रामीणों को पीरूल एकत्र करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वन विभाग, वनों के अंतर्गत सम्पर्क मार्गों के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा। वनों की भूमि में नमी की मात्रा बढ़ाने के लिए वन मार्गों के किनारों पर छोटी-छोटी खाईयां बनाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। हजारों जलाशय बनाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। मिश्रित वन विकसित करने के लिए वन विभाग विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित करेगा। सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए। बैठक में वनाग्नि को रोकने के उपायों पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वनों को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीणों को वनों के साथ जोड़ना होगा। गांव वालों के हकहकूक सुनिश्चित करने होगे। गांववालों को लगना चाहिए कि वनों के संरक्षण में उनकी भूमिका पार्टनर की है। वनों में आग के फैलने का बड़ा कारण वन भूमि में नमी की कमी है। वन भूमि में नमी बरकरार रखने के लिए वन विभाग को वन मार्गों के किनारों पर पर्वतीय ढालों पर छोटी-छोटी खाईयां (गड्ढे) तैयार करने होंगे। ये काम इस वर्ष बारिश से पूर्व ही करना होगा तभी इसका लाभ मिल पाएगा। इसके साथ ही हजारों की संख्या में जलाशय बनाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। वनों में सम्पर्क मार्गों की कमी के कारण आग बुझाने के लिए पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वन विभाग को इंट्रा फोरेस्ट कनेक्टीवीटी को सुधारने पर विशेष ध्यान देना होगा। वन मार्ग बनाए जाने बहुत जरूरी हैं। इसके लिए कैम्पा से आवश्यक धनराशि का प्राविधान किया जा सकता है।
चीड़ व इसकी पिŸायां वनाग्नि के फैलने का प्रमुख कारण होता है। चीड़ के जंगलों को मिश्रित वनों में परिवर्तीत किए जाने की आवश्यकता है। वन विभाग इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित करे जहां मिश्रित वन विकसित किए जा सकते हैं। पिरूल को एकत्र करने पर ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने की योजना बनाई जाए। इससे एक ओर जहां ग्रामीणों उनकी आजीविका बढ़ेगी वहीं जंगलों में पिरूल की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। पिरूल के उपयोग के लिए योजना बनाई जाए। ग्रामीणों को जंगलों से जोड़ने के लिए उनके हक हकूक सुनिश्चित किए जाएं। ग्रामीणों को वन निगम के माध्यम से हक हकूक की लकड़ी दिए जाने का विकल्प रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार मीटर से ऊंचे क्षेत्रों में फायर लाईन को दुरूस्त करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। आरईएस व मेरा गांव मेरी सड़क योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली छोटी-छोटी सड़कों के लिए वृक्षपातन की अनुमति में एकरूपता लाई जाए। सिविल सोयम भूमि के संबंध में व्याप्त भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए। जिलों में वन भूमि हस्तांतरण के मामलों की साप्ताहिक समीक्षा किया जाना, सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित कर लें। वन भूमि हस्तांतरण के मामलों को फास्ट ट्रेक पर हल किया जाए। सभी जिलाधिकारी संबंधित डीएफओ के सहयोग से अपने जिलों में स्थित डिग्रेडेबल फोरेस्ट की मैपिंग करवाएं। केंद्र सरकार की योजनाओं की भांति ही राज्य सरकार की योजनाओं में भी क्षतिपूर्ती वनीकरण डिग्रेडेबल फोरेस्ट में किए जाने के लिए भारत सरकार से अनुमति लेने का प्रस्ताव बनाया जाए।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More