देहरादून: सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग श्री विनोद शर्मा की अध्यक्षता में विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन सचिवालय में सोमवार को किया गया। बैठक में मुख्यतः राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2015-16 में गन्ना किसानों को देय गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने तथा चीनी मिलों के कार्यकलापों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गई। सचिव श्री विनोद शर्मा ने राज्य की सभी चीनी मिलों के गत वर्ष की चीनी परता, उत्पादन, पेराई क्षमता तथा बंदियों के विषय में विस्तृत जानकारी सम्बधित अधिकारियों से ली।
बैठक में अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2015-16 में कुल 129.63 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 12.45 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया। पेराई सत्र 2015-16 में राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के चीनी परता प्रतिशत में गत् वर्ष की अपेक्षा लगभग 0.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो उत्साहवर्द्धक है। सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2014-15 का सम्पूर्ण गन्ना रू0 475.37 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है तथा वर्तमान पेराई सत्र 2015-16 में कुल देय गन्ना मूल्य भुगतान रू0 361.19 करोड़ के सापेक्ष रू0 198.32 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है तथा रू0 162.87 करोड़ मूल्य का गन्ना मूल्य भुगतान अधिशेष है।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य प्रगति पर है एवं आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण के क्रय दर अनुबन्ध किये जा चुके है। चीनी मिल सितारगंज द्वारा 24.00 प्रतिशत, चीनी मिल नोदेही द्वारा 10.00 प्रतिशत, चीनी मिल कच्छा द्वारा 15.00 प्रतिशत, चीनी मिल डोईवाला द्वारा 12.06 प्रतिशत तथा चीनी मिल बाजपुर द्वारा 13.29 प्रतिशत मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जा चुका है जो कि संतोषजनक है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार चीनी मिलों में जल एवं वायु प्रदूषण संयंत्रों की स्थापना समय से कर दी गयी थी तथा इन उपकरणों का कार्य भी उत्कृष्ट रहा है।
बैठक के दौरान चीनी मिलों के अधिशासी निदेशकों/प्रधान प्रबन्धकों द्वारा अवगत कराया गया कि आगामी पेराई सत्र 2016-17 में चीनी मिल किच्छा को 32.00 लाख कुन्टल, चीनी मिल डोईवाला को 28.00 लाख कुन्टल, चीनी मिल सितारगंज को 22.00 लाख कुन्टल, चीनी मिल बाजपुर को 35.00 लाख कुन्टल तथा चीनी मिल नादेही को 28.00 लाख कुन्टल गन्ना उपलब्ध होने की सम्भावना है। सचिव श्री विनोद शर्मा द्वारा निर्देश दिये गये कि बीज बदलाव कार्यक्रम के अन्तर्गत पुरानी प्रजाति यथा को0 शा0 767, को0 पन्त 99214, को0पन्त 97222 आदि के स्थान पर शीघ््रा प्रजाति यथा को-0238, को0जे085 एवं को088230 का उपयोग किया जाये जिससे चीनी परता एवं गन्ने की उपज में आशातीत वृद्धि हो सके। कृषकों को ट्रेन्च विधि से 4 से 5 फुट पर गन्ना बुवाई करने हेतु प्रेरित किया जाये जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार कृषक गोष्ठी, प्रगतिशील कृषकों का भ्रमण कार्यक्रम आदि कराकर वैज्ञानिक कृषि जानकारी दी जाये।
वर्तमान में चीनी मिलों में लगभग 09.00 लाख कुन्टल चीनी भण्डारित है जिसे यथासमय बिक्री कर प्राप्त राशि से अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। चीनी मिल बाजपुर तथा नादेही के आधुनिकीकरण व सह-विद्युत उत्पादन इकाई की स्थापना के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड जन विद्युत निगम के साथ अनुबन्ध स्थापित किये जाने की कार्यवाही अन्तिम चरण में है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही चीनी मिल बाजपुर में 22 मेगावाट क्षमता तथा चीनी मिल नादेही में 16 मेगावाट क्षमता की सह-विद्युत उत्पादन इकाई स्थापित किये जाने का कार्य शीघ््रा प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
सचिव श्री विनोद शर्मा द्वारा चीनी मिलों के अधिशासी निदेशकों/प्रधान प्रबन्धकों को निर्देश दिये गये कि चीनी मिलों में आगामी पेराई सत्र हेतु मशीनरी मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य यथासमय पूर्ण कराया जाए तथा मशीनरी के कलपुर्जो की खरीद उच्च कोटि की गुणवता के आधार पर ही की जाए। गन्ना किसानों के अवशेष भुगतान हेतु प्रभावी प्रयास सुनिश्चित करने हेतु श्री शर्मा द्वारा निर्देश दिये गये।