लखनऊ: देश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप में परिवर्तित करने के माननीय प्रधानमंत्री जी के विज़न को क्रियान्वित करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में जिलास्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति (डी.ई.पी.सी.) के गठन तथा जिला निर्यात योजना (जिला निर्यात योजना) की रूपरेखा बनाने का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी।उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद के जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र में निर्यात विकास केन्द्र (निर्यात विकास केन्द्र) की स्थापना की जा रही है। इन निर्यात विकास केन्द्रों द्वारा जिलों में व्यवसायियों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, युवाओं और स्थानीय उद्यमियों के साथ संपर्क कर उन्हें ई-कामर्स सुविधाओं के प्रति संवेदनशील बनाने एवं उत्पादक संगठनों के रूप में संगठित किये जाने हेतु सहायता प्रदान करना, उत्पादकों के उत्पादों के ई-मार्केट प्लेस पर आॅनबोर्डिंग में सहायता प्रदान करना, निर्यात हेतु आवश्यक डाक्यूमेन्ट्स को तैयार करने में उत्पादकों को सहायता प्रदान करना, उत्पादों के शिपमेन्ट हेतु स्थानीय लाॅजिस्टिक की सुविधा हेतु इण्डिया पोस्ट/कुरियर कम्पनियों से समन्वय करना, उत्पादों के आॅनलाईन प्रचार-प्रसार करने हेतु ई-ब्रोशर्स तैयार करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करना, उत्पादकों हेतु हेल्पडेस्क की स्थापना करना एवं उद्यमियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना आदि कार्य किये जायेंगे।
डा0 सहगल ने बताया कि यह निर्यात विकास केन्द्र महानिदेशक विदेश व्यापार भारत सरकार, इण्डिया पोस्ट, विशेषज्ञ संस्थाओं यथा फेडरेशन आॅफ इण्डियन एक्सपोर्ट आर्गनाईजेशन तथा ई-मार्केट प्लेस कम्पनियों (ई-वे, अमेजन) के सहयोग एवं समन्वय से कार्य करेंगे।