नई दिल्ली: विश्व इस समय कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और लॉकडाउन की अवधि माता-पिता, विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों के लिए परीक्षा की घड़ी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को बच्चों के समय का लाभदायक उपयोग करने और अकादमिक कैलेंडर के साथ बराबरी बनाए रखने के उद्देश्य से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश के विद्यार्थियों की सुरक्षा और शैक्षणिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है। मानव संसाधन विकास मंत्रालयके सुझाव को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली क्षेत्र नेछठी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सभी विषयों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए फेसबुक और यूट्यूब पर आईडी बनाने की दिशा में पहल की है।
जहां एक ओरछठी से आठवीं कक्षा के लिए ऑनलाइन लाइव कक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं, वहीं केवीएस दिल्ली क्षेत्र ग्यारहवीं से बारहवीं कक्षाके लिए फेसबुक और यूट्यूब पर ऑनलाइन लाइव कक्षाएं पहले ही शुरू कर चुका है।विद्यार्थियों और अभिभावकों की ओर से अपार प्रतिक्रियाएं मिली हैं, क्योंकि कक्षाओं को संचालित करने के दो ही दिन के भीतर लगभग 90,000 व्यूज़ और 40,000 कॉमेंट्स प्राप्त हुए। दिल्ली क्षेत्र के यूट्यूबचैनल पर 13343 ग्राहक हैं।इन लाइव इंटरैक्टिव कक्षाओं को शुरू करने के लिए सभी विषयों और कक्षाओं के शिक्षकों की एक टीम को चुना गया।सभी विषयों के लिए एक समय सारिणी तैयार की गई और उसे व्हाट्सएप स्कूल ग्रुप्स और यूट्यूब के माध्यम से छात्रों के साथ साझा किया गया।केवीएस दिल्ली क्षेत्र के प्राचार्यों को इन लाइव कक्षाओं के बारे में विशिष्ट निर्देश दिए गए, जिन्होंने इसके बाद इन निर्देशों को शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ साझा किया।इन पाठों, कक्षा और विषय-वार देखने के लिए यूट्यूब परविद्यार्थियों के लिए एक प्लेलिस्ट भी बनाई गई है।
वर्तमान में शिक्षक शैक्षणिक वीडियो तैयार करने के लिए पॉवर प्वाइंट, विंडोस, मूवी मेकर्स और स्क्रीन रिकॉडर्स आदि जैसे विभिन्न सॉफ्टवेयर्स का उपयोग करके पाठ तैयार रहे हैं। ये पॉवर प्वाइंट प्रेसेंटेशन्स ऑडियो नैरेशन्स के साथ तैयार की गई हैं और उन्हें वीडियो फॉर्मेट्स में परिवर्तित किया गया है। उसके बाद इन व्याख्यानों को समर्पित यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। शिक्षक गृहकार्य के लिए प्रश्न, असाइन्मेंट्स भी उपलब्ध करा रहे हैं और गूगूल फॉर्म, Kahoot.com (एमसीक्यू के लिए), हॉट पटेटोज़ और Quizzes.com जैसे विभिन्न एप्स/ सॉफ्टेयर्स का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को भेज रहे हैं। विद्यार्थियों को इस तरह के असाइन्मेंट्स पसंद आ रहे हैं, क्योंकि ये नियमित गृहकार्य से भिन्न हैं, इनमें कम समय लगता है और यह कम चुनौतीपूर्ण हैं।
प्राथमिक वर्गों के छोटे बच्चों के लिए शिक्षकों ने वीडियो रिकॉर्ड किए हैं, जिन्हें व्हाट्स एप्प के माध्यम से साझा किया जाएगा तथा विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सुलभ कराने के लिए इन्हें यूट्यूब पर साझा किया जाएगा। कॉमेंट सेक्शन या व्हाट्एप चैट्स के माध्यम सेशिक्षकों द्वारा अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर दिए जा रहे हैं। सभी विद्यार्थियों से प्रत्येक विषय के लिए अलग कॉपी बनाने का निर्देश दिया गया है।
सामाजिक दूरी और घरों या छात्रावासों तक सीमित रहने के कारण एमएचआरडी/एनसीईआरटी/सीबीएसई ने स्वयं, दीक्षा, ई-पाठशाला पोर्टल जैसे ओपन एक्सेस संसाधनों की सूची उपलब्ध करायी है, जिन्हें विद्यार्थियों द्वारा भारत और अन्य देशों में अपने एक्सेस लिंक्स के साथ फॉलो किए जाने वाले बेहतरीन आईसीटी साधनों का उपयोग करते हुए अपने सीखने के क्रम को व्यापक बनाने के लिए एक्सेस किया जा रहा है।
टीचिंग लर्निंग प्रॉसेस के तहत दिए गए असाइन्मेंट्स पर संबंधित विषय के अध्यापकों द्वारा नजर रखी जा रही है। विद्यार्थियों के कार्यों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक विषय के अध्यापक के लिए रोजाना कम से कम पांच विद्यार्थियों से फोन पर बात करने की जरूरत है।
आशा है कि शिक्षकों के संयुक्त प्रयासों और पहल से विद्यार्थियों को अपनी गति से सीखने और अपनी शिक्षा का मार्ग निर्धारित करने में मदद मिलेगी, क्योंकि वे अपने घरों में सुरक्षित और संरक्षित हैं लेकिन साथ ही अपनी शैक्षणिक संस्था से भी जुड़े हुए हैं।