पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज मुम्बई में कहा कि भविष्य में जहाजरानी सेक्टर में कई नई पहलें की जायेंगी। उन्होंने कहा, “लोगों को जलमार्ग व्यवस्था की संभावनाओं, क्षमता और शक्ति के बारे में पता होना चाहिये। प्रौद्योगिकी की मदद से इसका बेहतरीन उपयोग किया जाना चाहिये। हमें अपने प्राकृतिक संसधानों का इस्तेमाल करके आगे बढ़ना चाहिये।” श्री सोनोवाल भारतीय नौवहन निगम (एससीआई) के हीरक जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्री शांतनु ठाकुर भी उनके साथ थे।
श्री सोनोवाल और श्री ठाकुर ने वर्चुअल माध्यम से मध्य-पूर्व देशों के साथ निर्यात-आयात कारोबार के लिये एमवी एससीआई चेन्नई को झंडी दिखाकर कांडला बंदरगाह से रवाना किया। यह जहाज कांडला से निकलकर कोच्चि और तूतीकोरिन जायेगा। वहां निर्यात किया जाने वाला माल लादकर मध्य-पूर्व के लिये निकल पड़ेगा।
इस अवसर पर, श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत के विभिन्न भागों में रहने वाले छात्रों को जहाजरानी सेक्टर में अवसरों के बारे में मालूम होना चाहिये। उन्हें पता होना चाहिये की कैसे जहाजरानी संसाधनों को देश तथा मानवजाति के विकास के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री के विजन ‘परिवहन से परिवर्तन’ को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाने के लिये एससीआई की सराहना की। उन्होंने कहा, “एससीआई को भविष्य में अपनी और क्षमता दिखानी होगी।” उन्होंने कहा कि एससीआई ने पिछले 60 वर्षों के दौरान पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री सोनोवाल ने बिना बाहरी मदद के संस्था के लोगों के सहयोग द्वारा ही हीरक जयंती कार्यक्रम का आयोजन करने के लिये भी एससीआई की प्रशंसा की और कहा कि संस्था ने आत्म निर्भरता का प्रदर्शन करके आत्मनिर्भर भारत की भावना का परिचय दिया है।
श्री सोनोवाल ने एससीआई के एमटी स्वर्ण कृष्ण के चालक-दल की सभी महिला सदस्यों का स्वागत किया। इस टैंकर को छह मार्च, 2021 को जवाहरलान नेहरू पोर्ट न्यास के तरल पदार्थ (तरल गैस, पेट्रोलियम, कच्चा तेल आदि) वाला माल चढ़ाने वाली गोदी से रवाना किया गया था, तथा महिला चालक-दल ने इतिहास रच दिया था। इन जांबाज महिलाओं को बधाई देते हुये श्री सोनोवाल ने उनसे कहाः “आपने एक महान उदाहरण स्थापित कर दिया है, जिससे आकर्षित होकर भविष्य में महिलायें इस क्षेत्र में आयेंगी।” यह समुद्री अभियान दुनिया के नौवहन सेक्टर के लिये ऐतिहासिक था। श्री सोनोवाल ने महिला जहाजियों के साहस की प्रशंसा की और उन्हें भारत की नारी-शक्ति का द्योतक बताया, जिसने पुरुष आधिपत्य वाले इस उद्योग में कदम रख दिया है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्री ठाकुर ने कहा, “हम भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
श्री सोनोवाल ने वर्चुअल माध्यम से पिछले साठ वर्षों के दौरान एससीआई कर्मठ यात्रा को दर्शाने वाले एक कॉफी-टेबल बुक भी लॉन्च की। कॉफी-बुक टेबल को यहां देखा जा सकता है।
कार्यक्रम के आयोजन के क्रम में श्री सोनोवाल ने एससीआई परिसर में तुलसी का पौधा भी लगाया तथा एससीआई परिवार के सद्स्यों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक और रंगारंग समारोह भी देखा।
इस अवसर पर लोकसभा सांसद श्री मनोज कोटक, नौवहन सचिव डॉ. संजीव रंजन, मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा और एससीआई की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती एचके जोशी सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
एससीआई की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती एचके जोशी ने कहा, “एससीआई के अभिनव तौर-तरीकों और वित्तीय सूझबूझ ने इस संगठन में बहुत योगदान दिया है।”
समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया गया, जिसमें पिछले साठ वर्षों के दौरान संगठन की उपलब्धियों को उजागर किया गया था।
आयोजन में मंत्रालय और नौवहन निदेशालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
एससीआई के विषय में:
भारतीय नौवहन निगम (एससीआई) की स्थापना दो अक्टूबर, 1961 को की गई थी। इसकी स्थापना ईस्टर्न शिपिंग कार्पोरेशन और वेस्टर्न शिपिंग कार्पोरेशन को मिलाकर की गई थी। भारत सरकार ने एक अगस्त, 2008 को एससीआई को “नवरत्न” का दर्जा दिया था। इस दौरान उसे स्वायत्तता प्रदान की गई और पूंजी व्यय, संयुक्त उपक्रमों की रचना, विलय आदि करने की शक्तियां कंपनी को स्थानांतरित कर दी थीं। एससीआई का विस्तृत परिचय यहां देखा जा सकता है।
समारोह को यहां देखा जा सकता है: https://youtu.be/BD4Vbw_RHlw