नई दिल्ली: ग्रामीण इलाकों में साक्षरता दर 71% देखी गई है जबकि इसकी तुलना में शहरी इलाकों में यह 86% देखी गई। साथ ही 7 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाली साक्षर महिलाओं (67%) की तुलना में पुरूषों में अधिक (83%) साक्षरता देखी गई। इसी तरह यह भी देखा गया कि ग्रामीण इलाकों में 4.5% पुरूषों और 2.2% महिलाओं ने स्नातक या उससे अधिक स्तर की शिक्षा पूरी की जबकि शहरी इलाकों में 17% पुरूषों और 13% महिलाओं ने इस स्तर तक शिक्षा पूरी की।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा जनवरी से जून 2014 तक ”सामाजिक उपयोग: शिक्षा” विषय पर कराए गए सर्वेक्षण के 71वें दौर के दौरान यह बात सामने आई है।
एनएसएसओ ने इसी तरह का सर्वेक्षण जुलाई 2007-जून 2008 के दौरान भी कराया था।
एनएसएसओ द्वारा जारी सर्वेक्षण के अन्य विवरण इस प्रकार हैं:
अधिकतर देशों में सरकारें शिक्षा के बुनियादी ढांचे के गठन और उसे चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में वित्तीय संसाधन खर्च करती हैं। इस तरह की सुविधा का लाभ लेने के लिए शिक्षा ग्रहण कर रहे लोग ट्यूशन फीस, परीक्षा फीस, स्टेशनरी, पुस्तकों आदि के लिए शुल्क के रूप में भी खर्च उठाती हैं। हांलाकि सरकार के खर्चकी जानकारी बजट दस्तावेज में उपलब्ध रहती है, लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा शिक्षा पर किए गए खर्च के आंकड़ों को परिवारों के विशेष सर्वेक्षणों से एकत्र किए जाते हैं। ‘सामाजिक उपयोग :शिक्षा’ पर किए गए सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य (क) 5-29 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में शिक्षा ग्रहण करने की इच्छा (ख) सरकार द्वारा प्रदान शिक्षा के बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और प्रोत्साहन के इस्तेमाल (ग) शिक्षा पर परिवारोंद्वारा किए जाने वाले निजी खर्च (घ) बीच में पढ़ाई छोड़ देने की वजह से शिक्षा की बर्बादी और उसके कारणों (ड.) 14 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में आईटी साक्षरता का पता लगाना था।
सर्वेक्षण में पूरे देश को शामिल किया गया और ग्रामीण इलाकों में 36,479 परिवारों तथा शहरी इलाकों में 29,447 परिवारों के 4,577 गांवों और 3,720 शहरी खंडों से नमूने या प्रतिदर्श लिए गए।
देश में शिक्षा पर सामाजिक उपयोग के विभिन्न पहलुओं के बारे में कुछ प्रमुख संकेतक इस प्रकार हैं:
- साक्षरता दर :
- भारत में 7 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में साक्षरता दर 75% थी। ग्रामीण इलाकों में साक्षरता दर 71% थी जबकि इसकी तुलना में शहरों में साक्षरता दर 86%थी।
- 7 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के बीच साक्षरता दर का अंतर इस प्रकार पाया गया। महिलाओं की तुलना में पुरूष साक्षरता दर अधिक थी। पुरूष साक्षरता दर 83% है जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 67% थी।
- भारत में वयस्क साक्षरता (15 वर्ष और अधिक) दर करीब 71% थी। ग्रामीण इलाकों में वयस्क साक्षरता दर शहरी इलाकों की तुलना में कम थी। ग्रामीण इलाकों में वयस्क साक्षरता दर 64% जबकि शहरी इलाकों में 84% थी।
- नजदीकी प्राइमरी, अपर प्राइमरी और सैकंडरी स्कूल तक पहुंच
- प्राइमरी स्कूल तक दूरी के मामले में ग्रामीण और शहरी भारत में कोई विशेष अंतर नहीं पाया गया। ग्रामीण और शहरी इलाकों में करीब 99% परिवारों ने घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर प्राइमरी स्कूल उपलब्ध होने की जानकारी दी।
- उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शैक्षणिक संस्थानों जैसे अपर प्राइमरी अथवा सैकंडरी स्कूल तक पहुंचने के लिए शहरी इलाकों के परिवारों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में कम परिवारों ने 2 किलोमीटर के भीतर इस प्रकार की सुविधा होने की जानकारी दी।
- करीब 86% ग्रामीण परिवारों तथा 96% शहरी परिवारों ने घर से 2 किलोमीटर के दायरे के भीतर अपर प्राइमरी स्कूल होने की जानकारी दी जबकि 60% ग्रामीण और 91%शहरी परिवारों ने इतनी दूरी पर सैकंडरी स्कूल होने की जानकारी दी।
- 5 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के बीच शिक्षा का स्तर पूर्ण करने वाले
- स्नातक और उससे ऊपर शिक्षा का उच्च स्तर पूरा करने वालों की संख्या ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों में अधिक थी।
- ग्रामीण इलाकों में करीब 4.5% पुरूष और 2.2% महिलाओं ने स्तानक और उससे ऊपर के स्तर की शिक्षा पूरी की जबकि शहरी इलाकों में 17% पुरूषों और 13%महिलाओं ने शिक्षा का यह स्तर पूरा किया।
- उपस्थिति और दाखिला
- शहरी और ग्रामीण इलाकों में 5-29 वर्ष की आयु वर्ग के थोड़े से लोगों (करीब 1 प्रतिशत) का सही तरीके से नाम लिखा गा लेकिन वह शैक्षणिक संस्थान में नहीं आए।
- ग्रामीण इलाकों में इस आयु वर्ग के 58.7% पुरूष और 53% महिलाएं इस समय शैक्षणिक संस्थानों में आ रही हैं। शहरी इलाकों में पुरूषों की संख्या 57% और महिलाओं की 54.6% है।
- उपस्थिति अनुपात
- प्राइमरी स्तर पर सकल उपस्थिति अनुपात ग्रामीण और शहरी इलाकों में पुरूषों और महिलाओं के लिए करीब 100% था।
- प्राइमरी से उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सकल उपस्थिति अनुपात ग्रामीण पुरूषों और महिलाओं के लिए क्रमश: 91% और 88% था, जबकि शहरी क्षेत्रों में पुरूषों और महिलाओं के लिए मामूली रूप से कम 93% था।
- भारत में प्राइमरी स्तर पर सकल उपस्थिति अनुपात 6-10 वर्ष की आयु वर्ग में पुरूषों के लिए 84% और महिलाओं के लिए 83% था।
- सकल उपस्थिति अनुपात में प्रारंभिक (प्राइमरी और अपर प्राइमरी ) तक अखिल भारतीय स्तर पर कोई विशेष ग्रामीण-शहरी अथवा पुरूष-महिला असमानता नहीं थी।
- शिक्षा से उपस्थिति
- भारत में 15-29 आयु वर्ग के करीब 85% छात्र सामान्य शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
- इसी आयु वर्ग के करीब 12.6% और 2.4% छात्र तकनीकी/पेशेवर और व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
- पाठ्यक्रम से उपस्थिति
- सामान्य शिक्षा ग्रहण करने वाली 54% महिलाओं की तुलना में 46% पुरूष मानविकी की पढ़ाई कर रहे हैं। 35% पुरूष और 28% महिलाएं विज्ञान तथा 20% पुरूष और 18% महिलाएं वाणिज्य की पढ़ाई कर रही हैं।
- तकनीकी/पेशेवर शिक्षा ग्रहण करने वालों में 46% पुरूष और 29% महिलाएं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे जबकि 14% महिलाओं की तुलना में 4% पुरूष चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।
- जिन संस्थानों में पढ़ाई के लिए आए
- ग्रामीण इलाकों में अधिकतर छात्र उच्चतर माध्यमिक स्तर से लेकर तक मुख्यत: सरकारी संस्थानों में पढ़ रहे थे जबकि शहरी इलाकों में तस्वीर एकदम अलग थी।
- ग्रामीण इलाकों में प्राइमरी स्तर के 72% छात्र, अपर प्राइमरी के 76% और सैकंडरी और हायर सैकंडरी स्तर के 64% छात्रों ने सरकारी संस्थानों में पढ़ाई की जबकि शहरी इलाकों में प्राइमरी स्तर पर 31%, अपर प्राइमरी स्तर और हायर सैकंडरी स्तर पर 38% छात्रों ने सरकारी संस्थानों में पढ़ाई की।
- प्राप्त प्रोत्साहन
- ग्रामीण इलाकों में करीब 94% और शहरी इलाकों में सरकारी संस्थानों में पढ़ रहे 87% छात्रों ने मुफ्त शिक्षा ग्रहण की।
- अपर प्राइमरी स्तर पर ग्रामीण इलाकों में 89% और शहरी इलाकों में सरकारी संस्थानों में पढ़ रहे 80% छात्रों ने मुफ्त शिक्षा ग्रहण की।
- प्राइवेट कोचिंग
- अखिल भारतीय स्तर पर करीब 26% छात्रों ने प्राइवेट कोचिंग ली।
- छात्रावासों में रहने वाले छात्र
- भारत में करीब 5% छात्र पढ़ाई के लिए छात्रावासों में रह रहे थे।
- शिक्षा पर निजी खर्च
- निजी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में तकनीकी शिक्षा पर औसत खर्च सरकारी संस्थानों की तुलना में 1.5 से 2.5 गुना अधिक थी।