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नई दिल्ली में केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार से भेंट करते हुए मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत

उत्तराखंड
नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार से भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय राज्यमंत्री से उत्तराखण्ड में टैक्सटाइल पाॅलिसी, बुनकरों की सहायता, हथकरघा क्लस्टर्स को बढाए जाने तथा रेशम एवं टसर के विस्तारीकरण किए जाने संबंधी विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सिल्क बोर्ड द्वारा वर्ष 2014-15 में राज्य में 1050 शहतूत वृक्षारोपण के लिए 466.80 लाख रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था, किन्तु राज्य को अभी तक इसके लिए मात्र 46.30 लाख रुपये ही स्वीकृत हुए है। इसी प्रकार से राज्य में सिल्क आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय सिल्क बोर्ड की मांग पर राज्य सरकार द्वारा भौतिक एवं वित्तीय प्रस्ताव के रूप में 500 लाख रुपये प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें से केवल 311.15 लाख रुपये जारी हुए, जबकि 188.85 लाख रुपये अवशेष है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड में मात्र जनसंख्या घनत्व कम होने को आधार मान कर छोटे हथकरघा क्लस्टर (10 बुनकर) को बंद नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटा राज्य होने के कारण यहां कम आबादी और दुर्गम क्षेत्रों में लोग इस प्रकार के लघु व्यवसायों से अपनी आजीविका चलाते हैं। स्थानीय लोग इन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें, इसके लिए योजनाओं को निरंतर चलाया जाना जरूरी है। केन्द्रीय कपड़ा मंत्री को केंद्र सरकार की प्रस्तावित टेक्सटाईल नीति के संदर्भ मंें जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हेतु टेक्सटाइल नीति में संशोधन संबंधी प्रस्ताव पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिस पर शीघ्र कार्यवाही की जानी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मैदानी क्षेत्रों में हिन्दू-मुस्लिम दोनों ही धर्मों में छिपी समुदाय वर्षों से बुनाई-छपाई के व्यवसाय में कार्यरत है, परन्तु विशेषज्ञता होने के बावजूद वित्तीय संसाधनों के अभाव से यह पारम्परिक कार्य लुप्त होने की अवस्था में है, जिसे केन्द्र सरकार की सहायता की नितांत आवश्यकता है। राज्य के पर्वतीय जनजातीय क्षेत्रों में ऊन से बुनाई के काम में लगी जनजातियों को अपने सामान की उचित विपणन सहायता व अन्य आवश्यक सुविधाएं न मिलने से यह पारम्परिक व्यवसाय भी लुप्त अवस्था की ओर अग्रसर है। इसके लिए जरूरी है कि राज्य में एक ऊन बैंक स्थापित किया जाय एवं अन्य वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाय। डाई इकाइयों के मशीनीकरण व पर्वतीय क्षेत्रों में सिल्क व टसर के संवर्धन के लिए भारत सरकार से विशेष सहायता की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा जोशीमठ व मुनस्यारी में दो मिनी टेक्सटाईल पार्क स्थापित किए जाने की योजना है। मुनस्यारी के मिनी टेक्सटाईल पार्क में ऊन से सम्बन्धित वस्त्रों का निर्माण किया जायेगा। इसे पर्यटन एवं फैशन से संबद्ध किए जाने की आवश्यकता है, जिससे स्थानीय लोगों को व्यवसाय में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य में सिल्क और टसर के संवर्धन को पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए भी भारत सरकार से सहायता की मांग की। हथकरघा व्यवसाय के विकास के लिए जिला एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक्सपो करने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए भारत सरकार को वित्तीय प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हथकरघा के विकास से संबंधित प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गये है, साथ ही कुछ लंबित प्रकरण भी है, जिन पर शीघ्र कार्यवाही की जानी अपेक्षित है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रस्तावांे पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया।

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