नई दिल्ली: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा सरंक्षण मंत्री उमा भारती से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री को बताया कि एनजीटी द्वारा राज्य में एसटीपी निर्माण कार्य को छः महीने के अन्दर पूरा करने के निर्देश दिये गये थे। ॅ।च्ब्व्ै को आकलन, फिजीबिलीटी स्टडीज तथा आरम्भिक गतिविधियों के लिए बिना राज्य सरकार की सहमति के कार्यदायी संस्था तथा च्डब् नियुक्त किया गया है। ॅ।च्ब्व्ै को च्डब् एवं कार्यदायी संस्था नियुक्त करना हितो में टकराव के कारण बन गया है। राज्य क्रियान्वयन एंजेसी द्वारा जमा कि गयी डीपीआर का कोई संज्ञान नही लिया गया है जबकि ॅ।च्ब्व्ै द्वारा जमा किये गये प्रोजेक्टों को छडब्ळ द्वारा बहुत छोटे समय में ही अनुमोदित कर दिया गया। ॅ।च्ब्व्ै द्वारा 13 शहरों की आकलन रिर्पोट उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा बनायी गयी डीपीआर के आकंड़ों के आघार पर तैयार की गई है जबकि इसे अपनी रिर्पोट व्यापक सर्वेक्षण तथा आकलन के आधार पर तैयार करनी थी। ॅ।च्ब्व्ै को नमामि गंगा कार्यक्रम के अन्र्तगत गंगा बेसिन में आरम्भिक स्तर की गतिविधियों का उत्तरदायित्व दिया गया है। यह उचित होगा कि 132 ग्राम पंचायतों में आरम्भिक स्तर की गतिविधियों को पूरा किया जाय तथा बायो इायजेस्टर लगाने के लिए डीपीआर शीघ््रा जमा की जाय। नदी संरक्षण राज्य का विषय है। अतः केन्द्र तथा राज्य द्वारा यह उत्तरदायित्व उचित रूप से उठाया जाना चाहिये बिना स्थानीय लोगों, संस्थाओं के यह प्रोजेक्टस सफल नही हो सकते। पंचायती राज संस्थाओं को इस समझौते में शामिल करने की जरूरत है। राज्य के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्टस के ओ एंड एम राज्य द्वारा निर्धारित एंजेसी जैसे जल संस्थान द्वारा किया जाना चाहिये। स्वच्छ भारत मिशन के अन्र्तगत गंगा बेसिन में 132 ग्राम पंचायतों में ख्.ाुले में शौच से मुक्ति के लिए कार्य प्रगति पर है तथा 40 ग्राम पंचायतों में यह कार्य हो पूरा हो चुका है। हमें धार्मिक कार्यक्रमों, चार धाम तथा अन्य उत्सवों के सम्य गहन जन जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। रामनगर, सितारगंज तथा काशीपुर में औद्योगिक व सीवेज प्रदूषण से सम्बन्धित कार्यो को नमामि गंगा के अन्र्तगत वितीय सहायता दिये जाने की आवश्यकता है। राज्य द्वारा रूपये 951.98 करोड़ की 25 डीपीआर केन्द्र सरकार को जमा करायी जा चुकी है परन्तु उन्हें अनुमोदन प्राप्त नही हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री को पूर्व प्रेषित विभिन्न मांगों से सम्बन्धित पत्र का भी संदर्भ दिया।