लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार पान की उन्नत खेती एवं इसके क्षेत्रफल को बढ़ावा देने के लिये निरन्तर प्रयासरत है। यह जानकारी प्रदेश के उद्यान मंत्री, श्री दारा सिंह चैहान ने आज यहां दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पान उत्पादकों एवं पान किसान महासभा, उ0प्र0 लखनऊ के अनुरोध पर छोटी जोत 500 वर्गमीटर क्षेत्रफल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत पान विकास हेतु 21 जनपदों में पान की खेती की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत 500 वर्गमीटर में पान बरेजा निर्माण कीे इकाई लागत 50,453 रूपये के 50 प्रतिशत 25,226.50 रूपये का अनुदान देय है।
निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री आर0पी0 सिंह ने इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि हमारे प्रमुख कृषि उद्योगों में पान की खेती का प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में यह उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि खाद्य या दूसरी नगदी फसलें। श्री सिंह ने कहा कि अनुदान की धनराशि कृषि विभाग की वेबसाइट- ूूूण्नचंहतपबनसजनतमण्बवउ पर पंजीेकरण के उपरान्त लाभार्थी कृषकों के खाते में सीधे अन्तरित की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष में रोपित पान बरेजे से उत्पादन तीन वर्षो तक मिलता है। इससे कृषक को 1.20 लाख रूपये से 1.50 लाख रूपये तक का लाभ प्राप्त हो जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पान की खेती को प्रोत्साहन देने एवं पान कृषकों को नवीनतम तकनीकी की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से महोबा में पान प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित है, जहां पर पान की खेती पर संस्तुतियों का स्थानीय जलवायु में प्रभाव का अध्ययन एवं पान उत्पादकांे को वेैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत में लगभग 30 से 40 हजार हैक्टेयर में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि पान की खेती उत्तर प्रदेश में मुख्य रुप से 21 जनपदों-महोबा, ललितपुर, बांदा, कानपुर नगर, जौनपुर, प्रतापगढ़, सीतापुर, हरदोई, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, आजमगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, देवरिया, सोनभद्र, बलिया, वाराणसी, इलाहाबाद, गाजीपुर एवं गोरखपुर जनपदों के साथ देश के कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम, तमिलनाडु, गुजरात एवं केरल में सफलतापूर्वक की जा रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 800 से 1000 हैक्टेयर क्षेत्रफल में पान की खेती की जा रही है।