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वेतन भोगियों के वेतन पर टैक्स आयकर रिटर्न में शामिल

देश-विदेश

नई दिल्लीः आयकर विभाग ने बैंकों, सहकारी बैंकों, अन्य वित्तीय संस्थाओं और राज्य कोषागारों आदि द्वारा जमावधि पर व्यक्तियों और

व्यापारिक समूहों की ब्याज युक्त कमाई के संबंध में सूचना प्रदान करने के लिए आयकर विभाग ने लिखित जानकारी दी है। फॉर्म 26एएस सिर्फ उन वेतनभोगियों के लिए है जिन पर टैक्स काटा गया है और जिन्हें www.incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉग इन के जरिये व्‍यक्तिगत टैक्स प्रदाता देख सकता है। टैक्स में कटौती किये बिना ब्याज पर भुगतान के बारे में सूचना को अदाकर्ता अपने विभाग को लिखित में भी सूचित करता है।

इस जानकारी के माध्यम से केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आय पर ब्याज का लाभ लेने वालों को यह सूचित करता है कि उनकी जमा प्राप्तियां/ ब्याज जमा तब कर योग्य हैं जब तक वे आयकर अधिनियम की धारा-10 के तहत छूट नहीं पा जाते। ऐसे ब्याज कर को उस स्थिति में अपने आयकर रिटर्न में दर्शाना होगा, जहां आयकर अधिनियम की धारा-10 के तहत आय पर कटौती न की गई हो। इस तरह व्यक्ति की कुल आय कर योग्य अधिकतम राशि से ज्यादा न हुई हो।

कर अदा करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे मिले ब्याज या भुगतान की निम्नलिखित सही विस्तृत जानकारी जुटा लें और

• मूल्‍यांकन वर्ष 2014-15 के लिए अपने आयकर रिटर्न जमा करने के लिए (अगर पहले न जमा किया तो) 31.03.2016 तक या उससे पहले इस स्थिति में कर के रूप में अधिकतम धनराशि में से राशि कटौती न हुई हो।

• मूल्यांकन वर्ष 2014-15/2015-16 में उस स्थिति में आयकर रिटर्न की समीक्षा जरूरी होगी अगर पहले जमा रिटर्न में कर योग्य ब्याज पर आमदनी शामिल न हुई हो।

• मूल्यांकन वर्ष 2015-16 में आयकर रिटर्न इस स्थिति में जमा होगा जब 31.03.2016 से पहले या तब तक अगर कोई टैक्स योग्य ब्याज आय को शामिल न किया हो। इस स्थिति में धारा 271एफ के तहत आर्थिक दण्ड से बच सकता है।

ज्यादा विस्तृत जानकारी के लिए आप मूल्यांकन अधिकारी या टोल फ्री नम्बर 1800-180-1961 पर संपर्क कर सकते हैं।

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