प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन ब्रिगेड भर्ती में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर राज्य सरकार से एक माह में जवाब मांगा है और कहा है कि चयन परिणाम याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने प्रयागराज के आशुतोष राय सहित दो सौ अभ्यर्थियों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बुधवार को यह आदेश दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एम.डी. सिंह शेखर ने बहस की। याची का कहना है कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2016 में भर्ती विज्ञापन निकाला। लिखित परीक्षा में 50 फीसदी अंक से अधिक पाने वालों को ही शारीरिक दक्षता परीक्षा में बुलाया जाना था।
याचीगण को लिखित परीक्षा में 50 फीसदी से अधिक अंक मिले होने के कारण शारीरिक दक्षता के लिए बुलाया गया। गत 28 फरवरी 2019 को घोषित परिणाम में यह कहते हुए याचियों को चयन में शामिल नहीं किया गया कि वे सभी लिखित परीक्षा में नार्मलाइजेशन के बाद असफल पाए गए हैं। याचियों का कहना है कि चयनित सूची में ऐसे तमाम लोग शामिल हैं जिन्होंने लिखित परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त किये थे। भर्ती बोर्ड ने मनमानी प्रक्रिया अपनाते हुए सफल अभ्यर्थियों को चयन से बाहर कर दिया गया है। कोर्ट ने सरकार और भर्ती बोर्ड को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। न्यायालय याचिकाओं की सुनवाई तीन अप्रैल को करेगी। साभार रॉयल बुलेटिन