उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड नियंत्रण एवं प्रबन्धन कार्यों के सम्बन्ध में समाज को जागरूक करने में संतो, धर्माचार्यों एवं धर्म गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत उनसे वर्चुअल संवाद किया।
वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने धर्म गुरुओं से कोरोना नियंत्रण में पूर्व की भांति सक्रिय सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कोरोना नियंत्रण के सम्बन्ध में राज्य सरकार के सार्थक प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा टेस्टिंग, टेªसिंग, सैनिटाइजेशन को लगातार बढ़ाया जा रहा है। कोविड अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेहतर एवं समुचित व्यवस्थाएं लगातार की जा रही हैं। मानवता को बचाने के लिए सभी मिलकर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की दर अधिक है। कोरोना से बचाव जागरूकता के अभियान में सभी धर्म गुरुओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह अपने सभी अनुयायियों एवं श्रद्धालुओं को जागरूक करते हुए लक्षित आयु वर्ग के अधिक से अधिक टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। इस वैश्विक महामारी में योग एवं साधना महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी भारत सरकार एवं राज्य सरकार के कोरोना प्रोटोकाॅल का अनिवार्य रूप से पालन करें। मास्क का निरन्तर उपयोग करें। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान दें।
राज्यपाल जी ने कहा कि 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत को वैक्सीन की अधिक जरूरत है। आज हमारे यहां 02 प्रकार की वैक्सीन उपलब्ध हैं तथा तीसरी वैक्सीन की इजाजत भी मिल गई है। प्रदेश में अब तक 93 लाख से अधिक वैक्सीन डोज़ लगायी जा चुकी हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना का प्रभाव बहुत कम हो जाता है। उन्होंने कोरोना नियंत्रण में डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं समस्त अधिकारीगणों की सक्रिय भूमिका की प्रंशसा की।
वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में प्रदेश के धर्म गुरुओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारतीय नव सम्वत्सर एवं रमजान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं राज्यपाल महोदया के मार्गदर्शन में हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में उत्तर प्रदेश ने एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है। इसके लिए प्रदेश के हर व्यक्ति ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर अपना सार्थक सहयोग दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी के लिए बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। कोरोना की यह दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। हमारा मानना है कि आस्था का सम्मान होना चाहिए। आस्था मानव के लिए है, मानव आस्था के लिए नहीं है, क्योंकि जब मानव का अस्तित्व रहेगा, तभी अन्य चीजों की सार्थकता है। आज आस्था से ऊपर मानवता को बचाने के प्रयास करने होंगे। इसके लिए सभी को देश के सबसे बड़े कोरोना नियंत्रण एवं प्रबन्धन अभियान का हिस्सा बनना होगा। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ का अनुपालन करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थलों एवं धर्म स्थलों पर भीड़ नियंत्रण हेतु मानक तय किए गए हैं, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर अन्य लोगों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सतर्कता की विशेष जरूरत है। हमें मानव के जीवन को बचाने के साथ ही उसकी जीविका को भी बचाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक सुविधा सम्पन्न देशों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में आबादी के अनुपात में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या न्यूनतम है। विगत दिनों में होली, पंचायत चुनाव एवं कृषि कार्य में सहभागिता के दृष्टिगत प्रदेश में लोगों का आगमन बढ़ा है। परिणामस्वरूप कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मार्च, 2020 में प्रथम कोरोना केस आया था। तब उत्तर प्रदेश में कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं थी। आज हम उत्तर प्रदेश में एक दिन में 02 लाख 18 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट कर रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक है। इस संख्या को हम लगातार बढ़ाने के लिए भी तत्पर हैं। आने वाले दिनों में राज्य सरकार लैब सुविधाओं की क्षमता को दोगुना तक करने जा रही है। संक्रमण की बढ़ती तीव्रता के क्रम में कोविड अस्पतालों में बेड की सुविधा के साथ ही आॅक्सीजन एवं वेण्टीलेटर सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार कोविड मरीजों के लिए 04 हजार से अधिक एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की जनता अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए केन्द्र तथा राज्य सरकार की कोरोना गाइडलाइन का पालन करें तथा अफवाहों से बचे। लोग अफवाहों में न आएं तथा राज्य की व्यवस्था से जुड़कर अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने प्रस्तुतीकरण देते हुए जानकारी दी कि प्रत्येक जनपद में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर संचालित है, जिनके माध्यम से टेस्टिंग, होम आइसोलेशन, सर्विलांस कार्यों का समुचित प्रबन्धन किया जा रहा है। ‘मेरा कोविड’ एप द्वारा लोगों को निःशुल्क कोविड जांच केन्द्रों की जानकारी प्राप्त हो रही है तथा लोग घर बैठे अपनी कोरोना रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेलीमेडिसिन की सुविधाएं प्रदेश की जनता को प्रदान की जा रही हैं। सभी सरकारी मेडिकल काॅलेज में कोविड के इलाज की निःशुल्क व्यवस्था की गई है।
वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में मथुरा से धर्म गुरु श्री रामकमलदास वेदान्ती, लखनऊ से मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली एवं मौलाना कल्बे जव्वाद, कानपुर से ज्ञानी गुरुचरण सिंह, आगरा से फादर मून लाजरस शामिल हुए। सभी ने राज्य सरकार द्वारा कोविड प्रबन्धन और नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। अयोध्या से धर्म गुरु महंत श्री रामचन्द्राचार्य ने राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड गाइडलाइन के अनुपालन की बात कही। कार्यक्रम में शामिल बौद्ध धर्म गुरु भन्ते शान्ति मित्र एवं जैन धर्म गुरु आचार्य श्री 108 वसुनंदी जी मुनिराज ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के साथ कोरोना की लड़ाई में समाज को अपना सम्पूर्ण योगदान देने की बात कही। वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में अयोध्या से महंत कमलनयन दास एवं अन्य धर्माचार्य भी सम्मिलित हुए।