नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में यानी सितम्बर 2018 तक प्रत्यक्ष करों का अनंतिम संग्रह बढ़कर 5.47 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 16.7 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में हासिल सकल संग्रह में आय घोषणा योजना (आईडीएस), 2016 के तहत एकत्रित 10,254 करोड़ रुपये का असाधारण संग्रह भी शामिल है (आईडीएस की तीसरी एवं अंतिम किस्त)। चालू वित्त वर्ष के संग्रह में इस तरह की राशि शामिल नहीं है।
अप्रैल-सितंबर 2018 के दौरान कुल मिलाकर 1.03 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किये गये, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जारी रिफंड की तुलना में 30.4 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-सितंबर 2018 के दौरान प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह (रिफंड के समायोजन के बाद) 14 प्रतिशत बढ़कर 4.44 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह वित्त् वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान (11.50 लाख करोड़ रुपये) का 38.6 प्रतिशत है।
जहां तक कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) का सवाल है, सीआईटी के सकल संग्रह की वृद्धि दर 19.5 प्रतिशत आंकी गई है। इसी तरह पीआईटी (प्रतिभूति लेन-देन कर यानी एसटीटी सहित) के सकल संग्रह की वृद्धि दर 19.1 प्रतिशत दर्ज की गई है। रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि दर 18.7 प्रतिशत और पीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि दर 14.9 प्रतिशत आंकी गई है।
चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में अग्रिम कर के रूप में 2.10 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुए अग्रिम कर संग्रह की तुलना में 18.7 प्रतिशत अधिक है। कॉरपोरेट अग्रिम कर की वृद्धि दर 16.4 प्रतिशत और पीआईटी से जुड़े अग्रिम कर की वृद्धि दर 30.3 प्रतिशत आंकी गई है।