लखनऊ: कोविड-19 के दृष्टिगत देशव्यापी लॉकडाउन में किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी कोई असुविधा ना हो, इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण किया जाए। इस ग्रुप का उपयोग किसानों को कृषि तकनीकी की जानकारी मुहैया कराने के लिए किया जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुप में सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ जनपद स्तर के कृषि अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। न्याय पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायक 8-10 किसानों का एक ग्रुप बनाकर उन्हें कृषि कार्यों से संबंधित तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को समय से खाद एवं बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही अपने अपने क्षेत्र के किसानों की मांग के अनुसार फसलों की लोकप्रिय वैरायटी की बीज की डिमाण्ड उपलब्ध कराएं। कृषि मंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि धान एवं दलहन के फसलों के लिए तकनीकी प्रयोग की भी जानकारी किसानों को दी जाए ताकि बीज एवं खाद की लागत कम की जा सके। इसके अतिरिक्त ढैंचे एवं जिप्सम का भी प्रचार कर अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जाए।
श्री शाही ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बताया कि वर्ष 2020 हेतु निर्धारित लक्ष्य 14500 कुंतल के सापेक्ष 10800 कुंतल ढैंचा बीज जनपदों को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अतिरिक्त 24500 मी0टन जिप्सम भी मंडी समिति के माध्यम से यू0पी0 एग्रो को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि ढैंचा और जिप्सम के उपयोग से जहां एक ओर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर खाद एवं उर्वरक की भी कम आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष-2020 हेतु खरीफ आच्छादन लक्ष्य 95.15 लाख हेक्टयर करते हुए खरीफ उत्पादन का लक्ष्य 235.15 लाख मी0टन निर्धारित किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनान्तर्गत प्रमाणित बीज वितरण हेतु निर्धारित लक्ष्य 84531 कुंतल के अतिरिक्त राज्य सेक्टर की योजनान्तर्गत 31252 कुंतल बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रकार खरीफ 2020 में कुल 1,15,783 कुंतल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 7.39 लाख मी0टन यूरिया, 5.29 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 1.51 लाख मी0टन एन0पी0के0 तथा 0.34 लाख मी0टन पोटाश की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। प्रदेश में यूरिया, डीएपी, एनपीके और पोटाश की कहीं कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।