सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय चिंतन शिविर का समापन आज जेपी होटल, आगरा में हुआ। समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा केंद्र और राज्य की सामूहिक भागीदारी के माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने समापन सत्र में विभिन्न राज्यों से हुए परामर्श एवं चिंतन के परिणामों को धरातल पर लागू कर अंतिम पायदान पर स्थित व्यक्तियों के कल्याण पर जोर दिया गया। उन्होंने छात्रवृत्ति योजनांतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण द्वारा छात्रवृत्ति योजनांतर्गत प्रस्तुति को सार रूप में उद्धृत करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य मिल कर काम करेंगे तकनीकी कारणों से छात्रवृत्ति पाने से कोई भी छात्र वंचित न रह जाए।
चिंतन शिविर के दूसरे दिन असीम अरुण, समाज कल्याण मंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा छात्रवृत्ति योजना की प्रस्तुति देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा योजना पूर्णतः ऑनलाइन होने के उपरांत भी योजना के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए बिजनेस प्रोसेस रिइंजीनियरिंग एवं ट्रांसफार्मेशन टीम के माध्यम से निरंतर सुधार करना है। उन्होंने फ्रीशिप कार्ड द्वारा अनुसूचित जाति के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिलाए जाने हेतु केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत सरकार को समापन वक्तव्य में अवगत कराया कि चिंतन शिविर के बाद एक्शन शिविर के माध्यम से समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, जनजाति विकास विभाग 10 दिन के अन्दर बैठकर समयबद्ध एक्शन प्लान बनाएंगे और चिंतन शिविर के निष्कर्षों में मुख्य रूप से छात्रवृत्ति व्यवस्था में आमूलचूल सुधार एवं उद्यमिता की योजनाओं को बढ़ाने हेतु अभियान चलाया जाएगा।
भिक्षावृत्ति में लगे व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु उत्तर प्रदेश द्वारा किए गए कार्य एवं विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर उन्हें शामिल करने के नवाचार की प्रशंसा की गई। वहीं ट्रांसजेंडर व विमुक्त जाति, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू समुदाय के प्रस्तुतीकरण से सामाजिक न्याय को धरातल पर लागू करने की रूपरेखा पर विमर्श किया गया।