नई दिल्ली: कोविड-19 के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान, भारतीय रेलवे द्वारा प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा वस्तुओं का निर्बाध परिवहन सुनिश्चित किया जा रहा है। देश में कोरोनावायरस की चुनौतियों का सामना करने और प्रतिकूल प्रभावों का प्रबंधन करने में सरकार के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा समय-सारणी वाली अपनी पार्सल सेवाओं के माध्यम से दवाओं, मास्क, अस्पताल की वस्तुओं और चिकित्सा के अन्य उपयोगी वस्तुओं का लगातार वितरण किया जा रहा है।
18-04-2020 तक, भारतीय रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में 1,150 टन चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन किया है। चिकित्सा वस्तुओं के परिवहन का क्षेत्रवार विवरण निम्नानुसार है:
क्रम सं. | जोन | भार (टन में) |
1. | दक्षिण रेलवे | 83.13 |
2. | दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे | 15.10 |
3. | पूर्वमध्य रेलवे | 1.28 |
4. | पूर्वोत्तर रेलवे | 2.88 |
5. | पूर्व तटीय रेलेवे | 1.06 |
6. | दक्षिण मध्य रेलवे | 47.22 |
7. | मध्य रेलवे | 135.64 |
8. | उत्तर मध्य रेलवे | 74.32 |
9. | पश्चिम मध्य रेलवे | 27.17 |
10. | दक्षिणपूर्व रेलवे | 2.82 |
11. | दक्षिण पश्चिम रेलवे | 12.10 |
12. | पूर्व रेलवे | 8.52 |
13. | पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे | 2.16 |
14. | उत्तर पश्चिम रेलवे | 8.22 |
15. | पश्चिम रेलवे | 328.84 |
16. | उत्तर रेलवे | 399.71 |
कुल | 1150.17 टन |
भारतीय रेलवे संकट की इस घड़ी में मानव जीवन को छू रही है। हाल ही में एक ऑटिस्टिक बच्चे के माता-पिता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मदद के लिए आग्रह किया तो उस बच्चे के लिए ऊंटनी के मलाईरहित दूध को अजमेर से मुंबई पार्सल ट्रेन के जरिए पहुंचाया गया। इसी प्रकार अजमेर में एक अन्य ऑटिस्टिक बच्चा, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था, उसके दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया तो उसके रिश्तेदारों ने रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया और अहमदाबाद से अजमेर के लिए पार्सल ट्रेन के माध्यम से दवाइयां पहुंचायी गईं।