देहरादून: प्रदेश के प्रमुख शहरों में 24 घंटे पेयजल की आपूर्ति होगी। सिवरेज सिस्टम, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सड़क और परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा। शहरों का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इसके लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 1700 करोड़ रुपये देने पर सैद्धान्तिक सहमति दी। इसके अलावा 2000 करोड़ रुपये की लागत से 1000 किलोमीटर स्टेट हाईवे के सुधारीकरण और 1200 करोड़ रुपये से टिहरी झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भी एडीबी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। एडीबी को भरोसा दिलाया गया कि सरकार राज्य में नगरीय सुधार कार्यक्रम लागू करेगी। पीएमयू को मजबूत करेगी। 30 प्रतिशत डीपीआर अक्टूबर तक तैयार हो जाएंगे। पहले चरण में लागू होने वाली परियोजना के लिए अलग से पीआईयू बनाया जाएगा। नगर निकायों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। नगरीय डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा। जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स लागू होगा। जल संस्थान में 24×7 जल आपूर्ति सैल स्थापित होगा। स्टेट राजमार्गों के चैड़ीकरण और सुधारीकरण के लिए एडीबी के सामने प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके लिए एडीबी से दो चरणों में धन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया। भरोसा दिलाया गया कि क्वालिटी सुनिश्चित करने का आधुनिक तंत्र विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा दिसंबर तक डीपीआर तैयार कर लिया जाएगा। एडीबी ने इस प्रस्ताव को मुख्यालय से मंजूरी दिलाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में भी एडीबी से सहयोग का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया कि उत्तराखण्ड में वैलनेस एंड योग टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, इको टूरिज्म, विलेज टूरिज्म की अपार संभावनाएं है। इसके लिए 1200 करोड़ रूपये की परियोजना का प्रस्ताव रखा गया। टिहरी झील को पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने में एडीबी ने रुचि दिखाई।
बैठक में नगर विकास सचिव श्री आर.के.सुधांशु, वित्त सचिव श्री अमित नेगी, पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव श्री नितेश झा, एडीबी के इण्डिया रेजीडेण्ट मिशन के कन्ट्री डायरेक्टर श्री केनिची योकोयामा, एडीबी साउथ एशिया के नगर विकास डिविजन के निदेशक श्री शेखर बोनू, एडीबी विशेषज्ञ सुश्री एलेक्जेन्ड्रा वोल आदि उपस्थित थे।