लखनऊ: प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ठोस रणनीति तैयार कर उसका क्रियान्वयन कर रही है। सरकार किसानों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। यह बात आज यहां कृषि निदेशालय के प्रेक्षागृह में आयोजित राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2018 में कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्हांेने कहा कि रबी की बुआई से पूर्व किसानों को खाद, बिजली, पानी, गुणवत्तायुक्त बीज, कृषि रक्षा रसायन, बायोफर्टीलाइज़र, बायोपेस्टीसाइड आदि की समय से उपलब्धता करायी जायेगी।
श्री शाही ने कहा कि वर्ष 2018-19 में सभी फसलों के प्रमाणित बीजों, विभागीय योजनाओं में कृषि यन्त्रों एवं पेस्टीसाइडों के वितरण पर अनुमन्य वित्तीय सुविधाओं को डी0बी0टी0 (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर) द्वारा सीधे कृषकों के खाते में भेजा जायेगा। डी0बी0टी0 व्यवस्था को सफल बनाने के लिए निर्धारित बीज वितरक संस्थाओं को भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने आगामी रबी सीजन में 97,116 अवशेष मृदा नमूनों के ग्रहण के साथ ही साथ जिन गांवों में नमूनें लेने शेष रह गये हैं उन्हें अभियान चलाकर पूर्ण किये जाने तथा अवशेष 01 करोड़ 07 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण आगामी मार्च तक पूर्ण कर लिए जाने के निर्देश दिये।
कृषि मंत्री ने जैविक खेती अपनाने तथा खेती की लागत को कम करने हेतु नवीनतम तकनीकी को किसानों तक पहुँचाये जाने पर बल दिया ताकि किसान खेती से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 26, 27 एवं 28 अक्टूबर को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान परिसर में आयोजित विशाल कृषि कुम्भ में कृषि एवं तकनीकी विषयों पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, कृषि प्रदर्शनी तथा विराट कृषक मेला में भाग लेने के लिए किसानों का आह्वान किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री श्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु प्रदेश सरकार सभी कृषि निवेशोे की ससमय उपलब्धता एवं किसानों को विभिन्न योजनान्तर्गत विशेष सुविधाए प्रदान करने हेतु कटिबद्ध है, ताकि प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कृषि उत्पादन आयुक्त, डाॅ0 प्रभात कुमार ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकोें के सन्तुलित प्रयोग पर ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोस्ट हार्वेस्टिंग नुकसान पर नियन्त्रण कर उत्पादन में वृद्धि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रोत्साहन की रणनीति तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि उपज की बिक्री की सुविधा देने और उसे फसल बीमा के दायरे में लाने का फैसला भी किया गया है।
प्रमुख सचिव, कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में रबी 2018-19 के लिए 394.94 लाख मी0टन खाद्यान्न उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रबी 2018 में 4812000 कुन्तल विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीजों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है एवं बीज प्रतिस्थापन दर 42 प्रतिशत तक पहुँचानें का लक्ष्य प्रस्तावित है। रबी-2018 में 37 लाख मी0टन यूरिया, 13 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 05 लाख मी0टन एन0पी0के0, 1.5 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 एवं 3.50 लाख मी0टन सिंगल सुपर फाॅस्फेट के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। रबी 2018-19 में 70598.36 करोड़ रूपये का ऋण वितरण प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 39 लाख किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता पर वितरित कराये जाने का लक्ष्य भी है।
इस गोष्ठी में उत्तर प्रदेश शासन तथा कृषि विभाग से जुड़े सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, कृषि निदेशक, श्री सोराज सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रदेश के प्रगतिशील कृषक भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कृषि से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण आदि हेतु प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमेे सहयोगी विभागोंद्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया गया।