लखनऊ: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गरीबों एवं वंचितो को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराये जाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत दिनांक 23 सितम्बर, 2018 को झारखण्ड की राजधानी राँची से की जा रही है। यह योजना स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ी विश्व की सबसे बड़ी योजना होगी, जिसमें लगभग 50 करोड़ पात्र लाभार्थी होंगे। योजना के अन्तर्गत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष रू0 5.00 लाख तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुबन्धित निजी एवं सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध करायी जायेगी।
उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी 23 सितम्बर, 2018 से ही योजना की शुरूआत हो जायेगी। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत-योजना का शुभारम्भ मा0 मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ द्वारा बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज गोरखपुर में किया जायेगा, जिसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, श्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी उपस्थित रहेंगे। 23 सितम्बर, 2018 को ही लखनऊ समेत राज्य के अन्य सभी जनपदों में भी योजना का शुभारम्भ कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
राजधानी लखनऊ में भारत सरकार के गृह मंत्री, श्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक तथा विधानसभा अध्यक्ष, श्री हृदय नारायण दीक्षित की उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न होगा। राज्य के अनेक जनपदों में विशेष तौर पर दूरस्थ जनपदों में भारत सरकार के मंत्री भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। प्राप्त सूचना के अनुसार श्रीमती मेनका गांधी, सुश्री उमा भारती, श्री महेश शर्मा, डाॅ0 सत्यपाल सिंह, जनरल वी0के0 सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति, श्री शिवप्रताप शुक्ल, श्री हरदीप सिंह पुरी, श्री मनोज सिन्हा, श्री संतोष कुमार गंगवार तथा श्रीमती कृष्णा राज भी विभिन्न जनपदों में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
इस योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग आदि के निःशुल्क इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जो गरीब एवं असहाय परिवारों के लिये एक वरदान सिद्ध होगा। पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में काफी प्रगति हुयी है, चिकित्सालयों की संख्या एवं गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। फिर भी देश के लगभग 63 प्रतिशत आबादी को बीमारी की अवस्था में अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है।
इस महत्वाकांक्षी योजना में उन परिवारों के सभी सदस्य पात्र लाभार्थी होंगे जो वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एस0ई0सी0सी0) में सूचीबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश में एक करोड़ अठ्ठारह लाख परिवार भारत सरकार द्वारा कराये गये सर्वे में चिन्हित किये गये हैं। योजना के अन्तर्गत राज्य में लगभग छः करोड़ पात्र लाभार्थी होंगे।
योजना के अन्तर्गत निजी एवं सरकारी चिकित्सालय अनुबन्धित किये जा रहे हैं, जिनमें बड़े चिकित्सा संस्थान, चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं मेडिकल काॅलेज भी सम्मिलित हैं। लाभार्थियों की सहायता के लिये प्रत्येक अनुबन्धित चिकित्सालय में प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र की तैनाती की गयी है, जो चिकित्सालयों में लाभार्थी की पहचान करने एवं उन्हे भर्ती कराकर निःशुल्क चिकित्सा उपचार मुहैया कराने में सहायक होंगे। राज्य में योजना का संचालन स्टेट एजेन्सी फाॅर कम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एण्ड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा किया जायेगा।
योजना के संचालन के दौरान सूचना के निरंतर प्रवाह तथा लाभार्थियों की शिकायतों के निराकरण हेतु काॅल सेन्टर की व्यवस्था भी की गयी है। राज्य स्तर पर स्थापित काॅल सेन्टर का टोल-फ्री नम्बर 1800-1800-4444 है। योजना के नेशनल काल सेन्टर का टोल-फ्री नम्बर 14555 है।
वर्तमान भारत सरकार द्वारा जन सामान्य को अब तक दी गयी अनेक सौगातों में से यह सबसे बड़ी योजना है जो स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में नये माप-दण्ड स्थापित करेगी। इस योजना का महत्व इस बात से परिलक्षित होता है कि योजना के शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु सभी जनपदों में क्षेत्रीय सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।