नई दिल्ली: आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटैट) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस की एक श्रृंखला शुरू की है जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए 21-दिन के लॉकडाउन के दौरान उपलब्ध समय का सदुपयोग करने के लिए नियमित रूप से आपस में विचार-विमर्श के सत्र होंगे। आईटैटके अध्यक्ष, न्यायमूर्ति पी.पी. भट्ट ने न्यायाधिकरण के उपाध्यक्षों और सदस्यों को एक संवाद में कहा कि इस तरह की बैठकों का उपयोग विचारों के आदान-प्रदान और रणनीति तैयार करने के लिए किया जा सकता है कि कैसे मामलों के निपटारे की दर में सुधार के साथ-साथ न्यायिक आदेशों की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति भट्ट ने इस बात को दोहराया कि एक दूसरे से दूरी बनाकर और खुद एकांतवास में जाकर सरकार द्वारा घोषित लॉकआउट का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कार्यालयों से काम करना और सामान्य कार्य दिवसों के समान उत्पादकता का स्तर बनाए रखना कठिन हो गया है। फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस अवधि का उपयोग अपने कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए करें।
न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा, “अपनी दिनचर्या में न्यायिक कार्य का बोझ उठाने के लिए हमारे पास प्रशासनिक मुद्दों, बुनियादी ढाँचे, कर्मचारियों को अनुशासित करने आदि का हल निकालने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है। इसलिए, इस तरह के विचार-विमर्श से हमारे प्रशासनिक कामकाज में दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी।”
सोमवार, 13 अप्रैल तक सभी कार्य दिवसों पर विचार-विमर्श के सात सत्रों के विषयों में कार्य क्षेत्र के साथ-साथ गैर-कार्य क्षेत्र से जुड़े विषय भी शामिल हैं और राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सत्र होंगे, जिनमें कई बड़े बेंच के सदस्य शामिल होंगे। कार्य क्षेत्र विषयों में आयकर और संबद्ध कानून शामिल हैं, जबकि गैर-कार्य क्षेत्र विषय बेहतर जीवन यापन यानीस्वास्थ्य, ध्यान, समग्र कल्याण आदि से संबंधित हैं। प्रत्येक स्टेशन के सदस्यों को बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक समस्याओं से संबंधित स्थानीय मुद्दों पर आपस में बैठकें करने को कहा गया है। ।
जिन उभरते हुए मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाना है उनमें शामिल हैं :
(i) सामान्य वंचन रोधी नियम (जीएएआर) – आकलनों में जीएएआर के आवेदन से उत्पन्न होने वाले संभावित मुद्दे।
(ii) प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 2020- आईटैट की और उससे अपेक्षाएं
(iii) वित्त अधिनियम, 2020 में संशोधन।
(iv) बीईपीएस और कानूनी संशोधनों को ध्यान में रखते हुए में स्थायी प्रतिष्ठान और व्यवसाय सम्बन्ध तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था के कराधान की अवधारणा को बदलना।
(v) इससे उत्पन्न आकलनों और मुद्दों में आईसीडीएस का प्रभाव
विचार-विमर्श के दौरान चर्चा किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों में शामिल है :
(i) व्यवसाय सम्बन्ध
(ii) अनुच्छेद 9, एफटीएस और रॉयल्टीज के अंतर्गत अनुमानित आय
(iii) स्थायी प्रतिष्ठान और लाभ संबंध
(iv) मामले का अध्ययन- कुछ महत्वपूर्ण न्यायिक पूर्व निर्णयों का प्रभाव- प्रमुख लिए गए
(v) आकलन दोबारा शुरू करना और आकलन का पुनरीक्षण
विचार-विमर्श के लिए गैर-कार्य क्षेत्र से जुड़े विषयों में शामिल है :
(i) आर्ट ऑफ लिविंग- सकारात्मक सोच के साथ महामारी लॉकडाउन का मुकाबला
(ii) घर से कार्य (डब्ल्यूएफएच)- कार्य से जुड़े जीवन में संतुलन बनाए रखने का अवसर
(iii) योग की सलाह.
आज उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा कि उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े से अनुरोध किया है कि वे आईटैट के उपाध्यक्षों और सदस्यों के साथ एक विचार-विमर्श सत्र को संबोधित करें। उन्होंने कहा कि प्रख्यात न्यायविद विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे और विचार-विमर्श में भाग लेंगे।