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महिलाओं में बढ़ रहा आत्मविश्वास और आ रही जागृति

सम्पादकीय

आज जबकि महिलाओं पर अत्याचार जोरों पर हैं, अपवाद स्वरूप कुछ ऐसी महिलाएं भी मौजूद हैं जो अपने अदम्य साहस से बुलंद आवाज में यह संदेश दे रही हैं कि यदि नारी जाति अपनी शक्ति को पहचान कर ‘ज्योति’ से ‘ज्वाला’ बन जाए तो किसी भी तरह की बुराई उसके सामने टिक नहीं सकती। नारी शक्ति में आ रही जागरूकता के ऐसे ही निम्र चंद उदाहरण :

* 1 मार्च को यू.पी. के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15 वर्षीय नाजिया कुरैशी को ‘रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित किया। उसने गत वर्ष 7 अगस्त को आगरा की 6 वर्षीय डिम्पी को अपहरणकत्र्ताओं से छुड़ाया था जब उसे 2 युवक मोटरसाइकिल पर बिठा कर जबरदस्ती ले जाना चाहते थे। अपनी जान की परवाह किए बिना नाजिया ने डिम्पी को बांह से पकड़ कर खींच लिया और उसे उनके चंगुल से छुड़ाने में सफल हो गई।
* 3 मार्च को भोपाल के कोलार में स्थित एक मकान में लूट के इरादे से कुछ बदमाश घुस आए। उस समय 13 वर्षीय रीति ही घर में थी। बदमाशों ने उसे बंधक बनाकर घर लूटने की कोशिश की परंतु सूझबूझ से काम लेकर घबराए बिना उसने अपने संकट में होने की सूचना मोबाइल पर अपने परिचितों को दे दी तथा स्वयं को और अपने घर को लुटने से बचा लिया।
* 4 मार्च दोपहर को मोगा में अध्यापिका अमनप्रीत कौर जब घर लौट रही थी तो एक स्नैचर ने उसकी आंखों में मिर्च का पाऊडर झोंक कर पर्स छीनने की कोशिश की परंतु उलटे अमनप्रीत ने स्नैचर को ही दबोच लिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक मदद के लिए लोग वहां पहुंच नहीं गए।
* 5 मार्च को बिहार के वैशाली जिले के गौरोल थाना क्षेत्र के वेहरा कलां का अशोक चौधरी अपने बेटे श्रवण कुमार की बारात लेकर ‘जारंग रामपुर’ गांव में पहुंचा। सात फेरे हो जाने के बाद दुल्हन की सहेलियों को कुछ शक हुआ और उन्होंने दूल्हे को 5000 रुपए के नोट गिनने को दिए जिन्हें वह नहीं गिन सका और दुल्हन ने दूल्हे व बारात को खाली हाथ लौटा दिया।
* 11 मार्च को फिरोजाबाद में ब्याहने आए एक युवक के अभी सात फेरे भी नहीं हुए थे कि भावी दूल्हे ने दोस्तों के उकसाने पर दुल्हन को नाचने का हुक्म सुना दिया। सुनते ही युवती ने न सिर्फ अपनी जयमाला तोड़ दी बल्कि शादी करने से भी इंकार कर दिया और बारात को बैरंग लौटना पड़ा।
* 6 अप्रैल को झारखंड में सिमडेगा जिले के कुल्लू केरा गांव की 8वीें कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा सकीना कुमारी ने अदम्य साहस दिखाते हुए अपने माता-पिता के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाकर अपना विवाह रुकवाया जिन्होंने इसके लिए अपनी जमीन गिरवी रख कर विवाह की सारी तैयारियां पूरी कर ली थीं।
उस दिन क्लास में उसका अंतिम दिन था और वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या करे। आखिर आधी छुट्टïी के समय उसने हिम्मत करके अपने क्लास टीचर को बताया कि उसके माता-पिता 21 अप्रैल  को जबरदस्ती उसकी शादी करने जा रहे हैं परंतु वह अभी पढऩा चाहती है।
उसके टीचर उसे पुलिस स्टेशन ले गए जिस पर पुलिस ने तत्काल सकीना के गांव पहुंच कर न सिर्फ यह शादी रुकवाई बल्कि बाल विवाह निषेध कानून के अंतर्गत सकीना के माता-पिता को गिरफ्तार करके सकीना को अपने संरक्षण में ले लिया। अब जिला प्रशासन उसकी पढ़ाई पूरी करवाएगा।
* 10 अप्रैल को साहस की एक और मिसाल दिल्ली के निकटवर्ती फतेहपुर बेरी गांव की  20 वर्षीय सलमा ने पेश की। उसके बूढ़े ट्रक ड्राइवर पिता ने जब उसकी शादी उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी के बेटे से तय की तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा परंतु जब घर में बारात आई और निकाह से पहले की सारी रस्में हो गईं तो उसके भावी पति ने दहेज में 5 लाख रुपए नकद और स्कोॢपयो गाड़ी की मांग कर दी। दूल्हे की मांग पर सलमा के माता-पिता के हाथ-पैर फूल गए लेकिन अपने भावी पति की ऐसी नीचता पर सलमा भड़क उठी और थाने में पहुंच कर अपने ससुरालियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
सरकार व कानून तो अपना काम जब करेंगे तब करेंगे, जरूरत इस बात की है कि हमारी बहनें और बेटियां अन्याय के मुकाबले के लिए अपने अंदर विद्यमान शक्ति को पहचानें व इसका डट कर मुकाबला करें।
साभार पंजाब

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