लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य के बरेली, देवीपाटन और लखनऊ मण्डलों के 07 जनपदों-बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बहराइच, सीतापुर और हरदोई में अगस्त माह से बुखार के रोगियों में वृद्धि के मद्देनजर इन जनपदों सहित प्रदेश के सभी जनपदों में संक्रामक रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में संक्रामक रोग नियंत्रण कार्ययोजना के पूर्ण क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। साथ ही, मलेरिया और मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करने तथा स्वच्छता अभियान को पूर्ण गति से संचालित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों में सामान्य जनमानस को जागरूक किया जाए।
यह जानकारी देते हुए आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर निरोधात्मक एवं उपचारात्मक कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, जिला अधिकारियों के माध्यम से अन्य सम्बन्धित सभी विभागों को भी रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यवाही में प्रभावी सहयोग प्रदान करने के लिए सम्मिलित किया गया है।
प्रभावित जनपदों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया की त्वरित जांच हेतु रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट (आर0डी0टी0) एवं पारम्परिक जांच हेतु स्लाइड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में सुनिश्चित कर दी गई है। इसके साथ ही मलेरिया के उपचार में आवश्यक औषधियां प्रभावित जनपदों में पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। राज्य एवं जनपद स्तर से इन सामग्रियों एवं औषधियों के सार्थक एवं प्रभावी उपयोग का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि जनपद स्तर पर सभी जिलास्तरीय चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की स्थापना कर प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा बुखार पीड़ित रोगियों की जांच एवं विशेष देखभाल की जा रही है। इसी प्रकार प्रभावित क्षेत्रों में ब्लाॅक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी बुखार पीड़ित रोगियों की जांच एवं उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। जनपदीय एपिडिमियोलाॅजिस्ट, प्रभावी चिकित्सा अधिकारियों एवं मलेरिया निरीक्षकों के पर्यवेक्षण में आशा एवं ए0एन0एम0 के द्वारा घर-घर भ्रमण कर बुखार के रोगियों की सक्रिय खोज (एक्टिव सर्विलान्स) की जा रही है। अतिप्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर बुखार के रोगियों की जांच एवं उपचार प्रदान किया जा रहा है।
मलेरिया से प्रभावित जनपदों में सामान्य जनमानस को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों द्वारा व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिसके अंतर्गत मच्छरों से बचने के उपायों, मच्छरों के प्रजनन स्थानों को समाप्त करने के तरीकों तथा किसी भी प्रकार के बुखार होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाने के लिए शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस अभियान में लोगों को केवल प्रशिक्षित एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सकों से ही उपचार प्राप्त करने की सलाह दी जा रही है।
प्रभावित जनपदों में बुखार की प्रकृति एवं कारण को पता करने के लिए राज्य स्तरीय चिकित्सा वैज्ञानिक दल एवं जनपद स्तरीय टीमों द्वारा पर्याप्त मात्रा में रक्त एवं सीरम का संग्रहण, एण्टमोलाॅजिकल परीक्षण एवं जल के नमूनों को एकत्र कर जांच की गई है। प्रारम्भिक रूप से जांच में इन जनपदों में बुखार का मूल कारण मलेरिया की दो प्रजातियां-वाइवेक्स एवं फैल्सीपेरम पायी गयी हैं। भ्रमणकारी विशेषज्ञ दलों द्वारा यह भी इंगित किया गया है कि इस वर्ष, विशेष रूप से तराई क्षेत्र में, असामान्य वर्षा एवं अनियमित वातावरणीय परिवर्तन (क्लाइमेटिक चेन्जेज) जैसे तापक्रम एवं आद्रता मच्छरों के प्रजनन-दर एवं प्रजनन-स्थान (ब्रीडिंग रेट एवं ब्रीडिंग प्लेसेज) की बढ़ोत्तरी में सहायक रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में सर्वाधिक प्रभावित बरेली जनपद में कुल 192 टीमें सक्रिय हैं तथा एक राज्य स्तरीय टीम द्वारा सभी कार्यों का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। जनपद के 10 ब्लाॅकों के लगभग 150 ग्राम प्रभावित पाए गए। टीमों द्वारा घर-घर भ्रमण कर अब तक कुल 81 हजार 513 बुखार के रोगियों को चिन्हित किया गया। जांच में अधिकतर रोगी मलेरिया से प्रभावित पाए गए। मलेरिया के उपचार हेतु जनपद में क्लोरोक्वीन की 49 हजार, प्राइमाक्वीन की 49 हजार टैबलेट्स, 1082 ए0सी0टी0 किट्स तथा जांच हेतु 450 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
बदायूं में 62 दैनिक संक्रामक रोग नियंत्रण टीमों द्वारा गांव-गांव और घर-घर भ्रमण कर बुखार पीड़ितों का एक्टिव सर्विलांस किया जा रहा है। जनपद के 04 ब्लाॅकों के लगभग 164 ग्राम सर्वाधिक रूप से प्रभावित हैं। टीमों द्वारा अब तक कुल 34 हजार 563 बुखार पीड़ित रोगियों को चिन्हित कर उपचारित किया गया। मलेरिया के लक्षण वाले रोगियों में 3062 मलेरिया के रोगी पाए गए। जनपद में मलेरिया की दवाओं और जांच के लिए क्लोरोक्वीन की 01 लाख 18 हजार 900, प्राइमाक्वीन की 6400 टैबलेट्स, 1740 ए0सी0टी0 किट्स तथा जांच हेतु 2600 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
जनपद शाहजहांपुर के 06 ब्लाॅकों के लगभग 92 ग्राम प्रभावित हैं। इन प्रभावित ग्रामों में वर्तमान में कुल 42 दैनिक संक्रामक रोग नियंत्रण दल क्रियाशील हैं, जिनके द्वारा 13 हजार 795 बुखार पीड़ित रोगियों को उपचारित किया गया है। जांच में कुल 107 मलेरिया रोगी चिन्हित किए गए। जनपद में मलेरिया नियंत्रण हेतु जांच के लिए क्लोरोक्वीन की 58,500, प्राइमाक्वीन की 24000 टैबलेट्स, 180 ए0सी0टी0 किट्स तथा जांच हेतु 45000 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
पीलीभीत जनपद के 08 ब्लाॅकों में 128 गांव सर्वाधित प्रभावित पाए गए हैं, जिनमें 52 टीमों द्वारा रोगियों की सक्रिय खोज की जा रही है। इन टीमों द्वारा अब तक कुल 12 हजार 118 ज्वर पीड़ितों को चिन्हित कर उपचारित किया गया। मलेरिया के सम्भावित रोगियों की जांच करने पर कुल 63 मलेरिया के रोगी कन्फर्म पाए गए। जनपद में औषधियों और जांच सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां पर क्लोरोक्वीन की 54000, प्राइमाक्वीन की 02 लाख 20 हजार 900 टैबलेट्स, 490 ए0सी0टी0 किट्स तथा जांच हेतु 1650 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
इसी प्रकार सीतापुर जनपद के 02 ब्लाॅकों में लगभग 16 गांव बुखार से सर्वाधिक प्रभावित पाए गए हैं। इसके दृष्टिगत कुल 35 टीमों द्वारा सघन भ्रमण किया जा रहा है। अब तक 08 हजार 926 बुखार पीड़ित रोगियों का टीमों द्वारा उपचारित किया गया है। जांच में कुल 28 मलेरिया के रोगी चिन्हित किए गए। जनपद में क्लोरोक्वीन की 10000, प्राइमाक्वीन की 5000 टैबलेट्स तथा जांच हेतु 1200 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
जनपद हरदोई में बुखार पीड़ितों की संख्या में वृद्धि पर तत्काल कार्यवाही करते हुए कुल 48 टीमों को सक्रिय किया गया है। यहां पर 11 ब्लाॅकों के 169 ग्राम सर्वाधिक प्रभावित पाए गए। इन टीमों द्वारा 03 हजार 445 बुखार पीड़ितों की जांच एवं इलाज किया गया। इनमें से कुल 144 मलेरिया रोगी चिन्हित किए गए। जनपद में मलेरिया नियंत्रण हेतु आवश्यक क्लोरोक्वीन की 55000, प्राइमाक्वीन की 70000 टैबलेट्स, 455 ए0सी0टी0 किट्स तथा जांच हेतु 3000 आर0डी0टी0 किट्स उपलब्ध हैं।
जनपद बहराइच के 02 ब्लाॅकों के 12 गांव बुखार से सर्वाधिक प्रभावित हैं। यहां पर 07 दैनिक टीमें क्रियाशील हैं, जिनके द्वारा अब तक कुल 68 बुखार के रोगियों की जांच एवं उपचार किया गया है। इस जनपद में मलेरिया का कोई भी रोगी चिन्हित नहीं हुआ। इस जनपद में मलेरिया रोगियों एवं जांच सामग्री का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष अनुरोध पर केन्द्र सरकार द्वारा 22 सितम्बर, 2018 तक 20 हजार आर0डी0टी0 किट तथा 10000 ए0सी0टी0 किट उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा, 50000 आर0डी0टी0 किट अगले सप्ताह तक उपलब्ध करायी जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के प्रभावित जनपदों में किसी रहस्यमयी बुखार का प्रकोप नहीं है, बल्कि मलेरिया बुखार का प्रसार है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से रोगियों की संख्या में दिन-प्रतिदिन कमी आ रही है। विभिन्न समाचार पत्रों में प्रसारित संक्रामक रोगों से कारित मृत्यु की सूचनाएं डेथ आॅडिट में मिथ्या पायी गयीं हैं तथा अधिकांश मृत्यु अन्य गैर संक्रामक कारणों जैसे एक्सीडेण्ट, रीनल फेल्योर, हृदय सम्बन्धी रोगों आदि के कारण कारित पायी गयी हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य स्तर पर संक्रमक रोगों के ट्रेण्ड एवं कृत कार्यवाहियों पर कड़ी निगरानी रखते हुए जनपदों को नियमित अंतराल पर आवश्यक दिशा-निर्देशा दिए जा रहे हैं। मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण तथा स्वच्छता अभियान के सफल संचालन के लिए जिला प्रशासन को भी नियमित रूप से अवगत कराया जा रहा है। चिन्हित मलेरिया रोगियों के घरों एवं आसपास के स्थानों पर लार्वीसाइडल एवं एडल्टीसाइडल स्प्रे किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी अन्य जनपद में आउटबे्रक/संक्रामक रोगों के प्रसार की रिपोर्ट नहीं है तथा स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है।