नई दिल्ली: भारत और सेशेल्स सोमवार को आखिरकार यहां के एजम्शन आईलैंड पर इंडियन नेवी के बेस को डेवलप करने पर राजी हो गए हैं। सेशेल्स ने पहले इस प्रोजेक्ट के लिए इनकार कर दिया था। दोनों देश अब एक दूसरे की चिंताओं को समझते हुए इस प्रोजेक्ट के लिए राजी हो गए हैं। सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फाएरे सोमवार को भारत की यात्रा पर आए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं की ओर से मुलाकात के बाद एक ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट जारी किया गया। इसी स्टेटमेंट के बाद इस बात की जानकारी मीडिया को दी गई है।
सेशेल्स को भारत देगा 100 मिलियन डॉलर
भारत की ओर से सेशेल्स को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम भी सेशेल्स को देने की बात कही गई है। यह रकम सेशेल्स को इसकी सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दी जाएगी। फाएरे के साथ बयान देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस रकम के साथ सेशेल्स उन उपकरणों को खरीदने में सक्षम हो सकेगा जो इसकी मैरिटाइम सिक्योरिटी को बढ़ाने में मदद कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत एजम्शन द्वीप पर नेवी का बेस तैयार हो सकेगा जिससे भारत को हिंद महासागर में रणनीतिक फायदा मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम दोनों एक-दूसरे के अधिकारों पर एजम्पशन आईलैंड पर काम करने के लिए राजी हो गए हैं।’
पहले सेशेल्स ने किया था इनकार
भारत आने से पहले प्रोजेक्ट के बारे में फॉरे ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट के सभी उद्देश्य खत्म हो चुके हैं। अब वो खुद इस प्रोजक्ट को बनाएंगे। राष्ट्रपति का कहना था कि वो अपने पैसों से अगले साल इस सैन्य अड्डे का निर्माण करेगा। भारत अब इस डील से लगभग-लगभग बाहर हो चुका है। डैनी को विपक्ष का तगड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है। वहीं कहीं न कहीं माना जा रहा था कि इस प्रोजेक्ट पर चीन का भी काफी प्रभाव पड़ रहा है। डील कैंसिल होने के बाद सेशेल्स की मीडिया ने भारतीय मूल और विपक्षी नेता रामकलावन को जिम्मेदार ठहराया था। नियम के हिसाब से वहां विपक्ष की सहमति के बिना यह डील नहीं हो सकती है।
सेशेल्स में हैं 115 द्वीप
इस डील के तहत भारत यहां पर 550 मिलियन डॉलर का निवेश कर सकता है। भारत इस मिलिट्री बेस के जरिए दक्षिणी हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है। इस डील के तहत सेशेल्स की राजधानी विक्टोरिया के दक्षिण पश्चिम में स्थित 1,135 किलोमीटर की दूरी तक भारतीय सैनिक तैनात होंगे। ये सैनिक सेशेल्स के सैनिकों को भी ट्रेनिंग देंगे। फिलहाल यह द्वीप पूरी तरह से खाली पड़ा है। यहां पर एक एयर स्ट्रिप है और लोगों की संख्या न के बराबर है। यहां के स्थानीय लोग भारत की पहल का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि सैन्य अड्डा बनने से सेशल्स के पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और इससे भारतीय कामगार बड़ी संख्या में वहां पहुंच जाएंगे। भारत हिंद महासागर में 115 द्वीपों के देश सेशेल्स में अपना मिलिट्री बेस बनाने को कीशिशों में जुटा है। वन इंडिया