नई टिहरी/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नवसृजित उप तहसील पावकीदेवी का उदघाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने राजकीय महाविद्यालय,
पशुचिकित्सालय, आई0टी0आई0 तथा रा0इ0का0 बौराई गाॅव का उदघाटन, रा0 उच्चतर विद्यालय ल्वैल के भवन का लोकार्पण व 682.27 लाख रु0 की लागत से बने 26.150 किमी0 के
पाॅच मोटर मार्गो का शिलान्यास भी किया। जिनमे 2.150 किमी नई-मिण्डाथ,10 किमी गूलर-सालव-भगवासेरा-घेरधार-जमो ला, 10 किमी कौडियाला-गंगलसी, 2 किमी नौडू-काटल,2 किमी सिलकणी मोटर मार्ग शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने रा0ई0का0 पावकीदेवी का नाम स्वतंत्रता सेनानी शिवानन्द रतूडी के नाम पर, आई0टी0आई0 भवन का नाम शहीद चैन सिंह के नाम पर, हाई-स्कूल का नाम कारगील शहीद जगत सिंह के नाम पर रखे जाने की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पावकीदेवी मे लोनिवि का निरीक्षण भवन बनाये जाने की भी घोषणा करने के साथ ही पावकीदेवी मन्दिर के सौन्दर्यकरण के लिए 20 लाख रु0 देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय पावकीदेवी का भवन वर्ष 2016-17 में बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि नव-सृजित उप-तहसील को जल्दी गतिशील बनायें ताकि क्षेत्रीय जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने क्षेत्र के कई मोटर मार्गो के सर्वे कर आंगणन तैयार करने हेतु लोनिवि के अभियन्ताओं को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य सरकार की जन कल्याण योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा नागरिको को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की पेंशनें दी जा रही है। वही जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए बन्दबाडे व सुरक्षा दिवारे भी बनायी जा रही है। उन्होने अभिभावकों से अपने बच्चों के शिक्षण कार्यो के प्रति अभिरुचि बढाने का भी अनुरोध किया है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए 21 सूत्रीय माॅग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए प्रयास निरन्तर जारी है। लोक गायक विनोद बिजल्वाण एवं पदम गुसांई को मुख्यमंत्री ने शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत, प्रमुख नरेन्द्रनगर विनिता बिष्ट, नगर पालिका अध्यक्ष दुर्गा राणा, जिलाधिकारी ज्योति नीरज खैरवाल, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष राजेन्द्र राणा, पूर्व प्रमुख बिरेन्द्र कण्डारी, राजेन्द्र भण्डारी, विनोद कुकरैती तथा गोविन्द रतूडी आदि उपस्थित थे।