ऋषिकेश: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर घाट में परमार्थ निकेतन के सौजन्य से निर्मित सीवरेज ड्रेन री-मीडिएशन प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने में आम जनता का सहयोग बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2020 तक नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परमार्थ निकेतन द्वारा सीवरेज के पानी को स्वच्छ बनाने के लिए उपयोग की जा रही हालैंड से आयातित तकनीक कम खर्च पर पानी को स्वच्छ बनाने में सक्षम है। इस तकनीक का उपयोग प्रायोगिक तौर पर चंद्रभागा नदी के माध्यम से गंगा नदी में मिलने वाले सीवरेज को साफ करने में किया जाएगा। यह तकनीक कारगर साबित होने पर इसे गंगा नदी से जुड़े अन्य सीवरों में भी स्थापित किया जाएगा जिन नदियों को पार करने में बदबू के कारण लोगों को परेशानी होती थी वर्ष 2020 तक इन्हें इतना स्वच्छ कर दिया जाएगा कि उन स्थानों पर सेल्फी खिंचवा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमुख से समुद्र तट पर 2500 किलोमीटर लंबी विश्व प्रसिद्ध नदी गंगा को स्वच्छ बनाने में आमजन के साथ अन्य संस्थाओं को भी आगे आना होगा ताकि गंगा नदी को स्वच्छ व साफ रखा जा सके। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विश्व योग की राजधानी के रूप में स्थापित हुआ है जो कि हमारे राज्य व देश के लिए गौरव की बात है। विश्व प्रसिद्धि रखने वाले इस सुंदर शहर को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है जिसमें विभिन्न संस्थाओं का सहयोग अपेक्षित है। स्वच्छ गंगा की स्वच्छता व साफ सफाई से जुड़े अधिकारियों के कार्य की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद जी महाराज ने कहा कि गंगा इस देश की धरोहर है इस को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद जी महाराज, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डायरेक्टर जनरल नमामि गंगे श्री राजीव रंजन, सचिव श्री अरविंद ह्यांकी, के अलावा अन्य अधिकारी एवं जनता उपस्थिति थी ।