नई दिल्ली: आय घोषणा योजना, 2016 अतीत में पूर्ण करों का भुगतान न करने वाले लोगों को आगे आने और अपनी अघोषित आय एवं संपत्ति की घोषणा करने का एक अवसर प्रदान करती है। यह योजना 30 सितंबर, 2016 तक घोषणाओं के लिए खुली है।
जहां तक इस योजना के तहत दी जाने वाली जानकारी की गोपनीयता को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं का सवाल है, यह बात दोहराई जाती है कि एक वैध घोषणा में निहित जानकारी गोपनीय है और इसे किसी के भी साथ साझा नहीं किया जाएगा। आयकर आयुक्त, केंद्रीकृत प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरू [सीआईटी (सीपीसी)] के यहां दर्ज कराई गई घोषणाओं के संबंध में यह जानकारी दी गई है कि संबंधित घोषणा को यहां तक कि क्षेत्राधिकार वाले प्रधान आयुक्त/आयुक्त के साथ भी साझा नहीं किया जाएगा और इस योजना के तहत किए गए भुगतान क्षेत्राधिकार वाले अधिकारियों को भी नजर नहीं आएंगे। इस तरह के मामलों में अनिवार्य रूप से जारी किए जाने वाले फॉर्म-2 और फॉर्म-4 सीपीसी द्वारा प्रणालीगत ढंग से ही उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
इसी तरह, क्षेत्राधिकार वाले प्रधान आयुक्त/आयुक्त के यहां दर्ज कराई जाने वाली घोषणा को विभाग के भीतर या बाहर किसी भी प्राधिकरण के साथ साझा नहीं किया जाएगा, जिसमें क्षेत्राधिकार वाला आकलन अधिकारी भी शामिल है। इसके अलावा, गोपनीयता सुनिश्चित करने की खातिर इस योजना के तहत किए जाने वाले भुगतान को न तो 26 एएस स्टेटमेंट में परिलक्षित किया जाएगा और न ही इसे आकलन अधिकारी द्वारा विभाग की ऑनलाइन टैक्स लेखा प्रणाली (ओल्टास) में देखा जा सकता है।