आयकर विभाग ने 14 दिसंबर 2020 को तमिलनाडु के चेन्नई और इरोड स्थित 15 परिसरों में एक समूह के मामले में तलाशी अभियान चलाया। विभाग ने जिस समूह पर कार्रवाई की है, वह सरकारी कामों को करने वाले प्रमुख सिविल कांट्रैक्टर है जो कि प्रमुख रूप से समुद्र के किनारे स्थित समुद्री लहरों को रोकने के लिए बनाए जाने वाले ब्रेक (अवरोध) को बनाने का काम करता है। इसके अलावा यह समूह बस ट्रांसपोर्ट, मैरिज हॉल और खाने के मसाले का भी कारोबार करता है।
तलाशी अभियान के दौरान करीब 21 करोड़ रुपये की नकदीपायी गई जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं मिला। जांच में यह पाया गया है कि समूह कांट्रैक्ट के लिए, होने वाली खरीद में कीमतों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है। यह बढ़ा हुआ भुगतान आपूर्तिकर्ताओं और सब कांट्रैक्टर्स के जरिए नकदी के रूप में वापस ले लिया जाता है। इस तरह समूह ने करीब 700 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय अर्जित की जिसे रियल एस्टेट कारोबार और दूसरे कारोबार के विस्तार में लगाया है। इसके अलावा समूह ने 150 करोड़ रुपये की अघोषित आय को भी स्वीकार किया है।
कुल मिलाकर इस तलाशी अभियान में 700 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है, और 21 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है।
इस संबंध में आगे की जांच जारी है।